
अहमदाबाद विमान हादसा: म्यांमार में जन्में विजय रूपाणी का महापौर से लेकर मुख्यमंत्री तक का सफर
क्या है खबर?
अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि वे अपनी बेटी से मिलने के लिए एयर इंडिया के विमान से लंदन जा रहे थे। वे अहमदाबाद से सवार हुए थे।
रूपाणी 2 बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनके निधन पर राजनीतिक जगत में शोक है।
आइए रूपाणी के बारे में जानते हैं।
जन्म
म्यांमार में हुआ था रूपाणी का जन्म
रूपाणी का जन्म 2 अगस्त, 1956 को म्यांमार के येनगोन में हुआ था। उनकी मां का नाम मायाबेन और पिता का नाम रमनीकलाल रूपाणी हैं।
1960 में म्यांमार में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद उनके माता-पिता अपने 7 बच्चों को लेकर गुजरात के राजकोट आ गए थे।
यहां गुजरात के सौराष्ट्र विश्वविद्यालय से रूपाणी ने BA और LLB की पढ़ाई की। उन्होंने भाजपा से जुड़ीं अंजली से शादी की। रूपाणी का एक बेटा और एक बेटी है।
राजनीतिक
राजनीति में कैसे आए रूपाणी?
रूपाणी पढ़ाई के दौरान ही ABVP से जुड़ गए थे। 1971 में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हो गए। वे जनसंघ में भी रहे और बाद में भाजपा की भी सदस्यता ली।
आपातकाल के दौरान वे 11 महीने तक जेल में भी रहे।
1987 में वे राजकोट नगर निगम और ड्रेनेज कमेटी के अध्यक्ष के रूप में चुने गए थे। 1996 में वे राजकोट के मेयर चुने गए।
राज्यसभा
राज्यसभा सांसद भी रहे हैं रूपाणी
1998 में रूपाणी गुजरात भाजपा के महासचिव चुने गए। वह 1998 से 2002 तक गुजरात सरकार की 'घोषणापत्र कार्यान्वयन समिति' के अध्यक्ष भी रहे।
2006 में वे गुजरात पर्यटन निगम के अध्यक्ष बने और इसी साल राज्यसभा के लिए भी चुने गए।
2014 में वे पहली बार विधायक बने। तब उन्होंने वाजुभाई वाला के इस्तीफे के बाद खाली हुई राजकोट पश्चिम सीट से उपचुनाव जीता था। अगले साल उन्हें मंत्रिमंडल में भी शामिल किया गया।
मुख्यमंत्री
2 बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे रूपाणी
7 अगस्त, 2016 को रूपाणी गुजरात के 16 वें मुख्यमंत्री बने। इसी साल उन्होंने राज्य भाजपा अध्यक्ष का कार्यभार भी संभाला।
2017 के चुनावों में उन्होंने फिर राजकोट पश्चिम से जीत दर्ज की और 22 दिसंबर को दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
हालांकि, इस दौरान कोरोना महामारी से लड़ने के लिए गुजरात सरकार की खूब आलोचना हुई थी। कहा जाता है कि इस वजह से उन्होंने 2021 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।