कौन हैं उन्नाव विधानसभा सीट से कांग्रेस का टिकट पाने वालीं आशा सिंह?
क्या है खबर?
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को 125 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया था। इनमें से 50 टिकटें महिलाओं को दी गई हैं।
इन 50 महिलाओं में आशा सिंह का नाम भी शामिल है, जो उन्नाव से कांग्रेस की प्रत्याशी होंगी।
55 वर्षीय आशा सिंह उन्नाव रेप केस पीड़िता की मां हैं। माना जा रहा है कि उनका मुकाबला निवर्तमान भाजपा विधायक पंकज गुप्ता से हो सकता है।
जानकारी
ठाकुर समुदाय से संबंध रखती हैं आशा सिंह
आशा सिंह ठाकुर समुदाय से संबंध रखती हैं और उनके एक बेटा और चार बेटियां हैं।
सिंह साक्षर नहीं है और अपनी पति की मौत के बाद शुरुआत में खेती पर निर्भर थीं।
2017 में रेप केस के बाद परिवार को आर्थिक सहायता मिली और पूरा परिवार दिल्ली रहने लगा। अदालती मामलों के चलते अभी भी परिवार दिल्ली रहता है, लेकिन उन्नाव आना-जाना लगा रहता है।
परिवार का कहना है कि आशा सिंह चुनाव जीतकर गरीबों के लिए काम करेंगी।
प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का सिंह को लेकर क्या कहना है?
इंडिया टुडे ने जानकारों के हवाले से लिखा है कि उत्तर प्रदेश और खासकर उन्नाव में कांग्रेस की महिला केंद्रित रणनीति काम नहीं आएगी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि आशा सिंह के 'परिवार की हकीकत' सबको पता है और कोई उनका समर्थन नहीं करेगा। ग्रामीणों का दावा है कि इस परिवार के कई सदस्य हिस्ट्रीशीटर हैं।
कई लोगों का यह भी दावा है कि पुरानी दुश्मनी के चलते सिंह के परिवार ने कुलदीप सेंगर पर आरोप लगाए थे।
जानकारी
क्या था उन्नाव रेप मामला?
उन्नाव रेप मामले ने उस वक्त तूल पकड़ा था, जब पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था।
भाजपा से निकाले जा चुके पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पीड़िता का रेप करने का आरोप लगा था और बाद में उसे इस मामले में उम्रकैद की सजा भी हुई थी।
सेंगर के खिलाफ आरोप सामने आते ही पुलिस ने पीड़िता के पिता को गिरफ्तार कर लिया था, जिनकी हिरासत में मौत हो गई थी।
बयान
नई तरह की राजनीति शुरू कर रहे हैं- प्रियंका गांधी
गुरुवार को उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, "125 उम्मीदवारों में से 40 प्रतिशत महिलाएं और 40 प्रतिशत युवा हैं। इस शुरुआत के साथ हम राज्य में नई तरह की राजनीति लाने की उम्मीद कर रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पर पीड़ित और शोषित के साथ खड़ी है। पार्टी नकारात्मक प्रचार अभियान नहीं चलाएगी और उसका अभियान विकास, दलित और पिछड़ों की तरक्की के बारे में होगा।
उत्तर प्रदेश
कांग्रेस ने बनाई है महिला केंद्रित रणनीति
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का जनाधार लगातार कम होता जा रहा है और पिछले विधानसभा चुनावों में पार्टी को केवल सात सीटें मिली थीं।
अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए इस बार कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के नेतृत्व में महिला केंद्रित रणनीति बनाई है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे और 10 मार्च को नतीजों का ऐलान किया जाएगा।