उन्नाव रेप कांड के दोषी भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा
उन्नाव रेप कांड के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा मिली है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने भाजपा से निष्कासित सेंगर को पीड़िता को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने के भी आदेश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने CBI को आदेश दिया है कि वह पीड़िता की जान के खतरे को देखते हुए उसकी और उसके परिवार की सुरक्षा और उनके लिए सुरक्षित आवास के इंतजाम करे।
इन धाराओं में दोषी पाया गया सेंगर
इससे पहले 16 दिसंबर को कोर्ट ने भाजपा से निष्कासित सेंगर को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने सेंगर को IPC की धारा 376 के तहत रेप का दोषी और POCSO एक्ट की धारा 5(C) और धारा 6 के तहत दोषी पाया है।
क्या है उन्नाव रेप केस?
उत्तर प्रदेश के बांगरमऊ से विधायक सेंगर ने 2017 में पीड़िता को नौकरी देने के बहाने अपने घर बुलाकर रेप किया था। रेप के समय पीड़िता की उम्र 17 वर्ष थी। पीड़िता और उसके परिवार ने न्याय के लिए कड़ा संघर्ष किया, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। इसके बाद पीड़िता और उसकी मां ने न्याय की मांग करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया। इसके बाद मामला मीडिया की नजरों में आया।
CBI ने की थी मामले की जांच
राष्ट्रीय मीडिया में मामला आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार और भाजपा पर सेंगर के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ा। राज्य सरकार ने मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया गया, जिसने सेंगर को गिरफ्तार किया और अपनी जांच में उस पर लगे रेप के आरोपों को सही पाया। इसके बाद मामला धीरे-धीरे सुर्खियों से गायब होता चला गया और न्याय के लिए पीड़ित परिवार का संघर्ष पहले की तरह ही जारी रहा।
काली नंबर प्लेट वाले ट्रक से हुई पीड़िता की गाड़ी की टक्कर
मामला दोबारा सुर्खियों में तब आया जब 28 जुलाई को रायबरेली में जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही पीड़िता की गाड़ी की एक काली नंबर प्लेट वाले ट्रक से टक्कर हुई। इस टक्कर में पीड़िता के दो परिजन मारे गए और वह और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हुए। पीड़ित परिवार ने सेंगर पर जेल से ही इस दुर्घटना की साजिश रचने का आरोप लगाया, जिसके बाद उस पर हत्या का मामला भी दर्ज किया गया।
मामले में बरी हुआ सेंगर का सह-आरोपी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में हुई सुनवाई में सेंगर के साथ इस मामले में आरोपी शशि सिंह को बरी कर दिया था। शशि पर पीड़िता को नौकरी दिलाने के बहाने सेंगर के घर लाने का आरोप था। सोमवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर आज फैसला सुनाया गया है। गौरतलब है कि भाजपा ने रेप के आरोप लगने के बाद सेंगर को पार्टी से बाहर कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली ट्रांसफर किया था केस
पीड़िता की टक्कर के बाद मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केस से जुड़े सभी मामलों को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ट्रांसफर कर दिया था। कोर्ट के आदेश पर सेंगर को भी उत्तर प्रदेश से दिल्ली की रोहिणी जेल में शिफ्ट कर दिया गया। इस बीच पीड़िता की हालत महीनों नाजुक बनी रही और उसका दिल्ली के AIIMS में इलाज हुआ। हाल ही में उसे अस्पातल से छुट्टी मिली थी।