
#NewsBytesExplainer: लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति पर क्यों हो रहा है विवाद?
क्या है खबर?
देश में राष्ट्रीय जंनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार बनने के बाद 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा। इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इसकी जानकारी दी है। ये खबर सामने आते ही कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा और संसदीय मानदंडों के उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
आइए जानते हैं पूरा विवाद क्या है।
प्रोटेम स्पीकर
सबसे पहले जानिए क्या होता है प्रोटेम स्पीकर?
नई सरकार बनने के बाद पहला काम प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति का होता है। प्रोटेम शब्द लैटिन भाषा के प्रो टैम्पोर से लिया गया है, जिसका मतलब है कुछ समय के लिए। यानी प्रोटेम स्पीकर लोकसभा का अस्थायी स्पीकर होता है।
इसका मुख्य काम नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाना होता है। शपथ ग्रहण का पूरा कामकाज प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में होता है। प्रोटेम स्पीकर की भूमिका केवल लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने तक ही होती है।
चयन
कैसे चुना जाता है प्रोटेम स्पीकर?
प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। नियमों के अनुसार, राष्ट्रपति द्वारा 3 अन्य लोकसभा सांसदों को भी शपथ दिलाने के लिए नियुक्त किया जाता है।
संसदीय मामलों के मंत्रालय की नियमावली के अनुसार, सदन के सबसे वरिष्ठ सांसद को इस पद के लिए चुना जाता है। सरकार का विधायी विभाग वरिष्ठ सांसदों की सूची बनाकर संसदीय मामलों के मंत्री या प्रधानमंत्री को भेजता है।
प्रधानमंत्री की मंजूरी के बाद ये नाम राष्ट्रपति के पास भेजे जाते हैं।
काम
क्या होता है प्रोटेम स्पीकर का काम?
राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद मंत्रालय प्रोटेम स्पीकर और अन्य सांसदों को नियुक्ति के बारे में सूचित करता है। इसके बाद राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति भवन में प्रोटेम स्पीकर को शपथ दिलाई जाती है।
इसके बाद प्रोटेम स्पीकर 3 अन्य सांसदों के साथ मिलकर दूसरे सांसदों को शपथ दिलाते हैं। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही सभी सांसदों को शपथ दिलाई जाती है। मोटा-मोटी प्रोटेम स्पीकर का काम इतना ही होता है।
विवाद
महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने पर क्या है विवाद?
कांग्रेस का कहना है कि उनकी पार्टी के 8 बार के सांसद कोडिकुनिल सुरेश सबसे वरिष्ठ हैं, ऐसे में उन्हें लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाना चाहिए, जबकि महताब 7 बार के ही सांसद हैं।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वरिष्ठता की अनदेखी कर भाजपा संसदीय मानदंडों को खत्म करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जिस सांसद ने संसद में अधिकतम कार्यकाल पूरा किया है, उसे प्रोटेम स्पीकर बनाना चाहिए।
भाजपा
कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा का क्या कहना है?
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "महताब बिना किसी अंतराल के लगातार 7 बार सांसद हैं। अगर हम मंत्रियों को छोड़ दें तो वह सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले सदस्य हैं। सुरेश के कुल कार्यकाल 8 हैं, लेकिन 2004 और 1998 में वे चुनाव हार गए थे। 2009 से वे लगातार 4 बार के सांसद हैं। इसलिए कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। जिन्होंने नियमों को नहीं पढ़ा है, केवल उन्हें ही ऐसा लगेगा कि उल्लंघन हुआ है।"
महताब
कौन हैं भृतहरि महताब?
8 सितंबर, 1957 को ओडिशा के भद्रक में जन्में महताब ओडिशा के पहले मुख्यमंत्री डॉक्टर एच महताब के बेटे हैं। महताब नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (BJD) के संस्थापक सदस्य हैं और पटनायक के बेहद करीबी माना जाते थे।
उन्होंने 6 बार BJD के टिकट पर ही चुनाव जीता है। इसी लोकसभा चुनाव से पहले महताब ने BJD का साथ छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले ली थी। फिलहाल वे कटक सीट से सांसद हैं।