संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ VB-जी राम जी विधेयक, अब मनरेगा कानून खत्म
क्या है खबर?
संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने से एक दिन पहले दोनों सदनों लोकसभा और राज्य सभा ने विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन ग्रामीण (VB-जी राम जी) विधेयक पारित कर दिया है। गुरुवार को निचली सदन लोकसभा में विधेयक पारित होने के कुछ घंटे बाद इसे उच्च सदन राज्यसभा में पेश किया गया, जहां आधी रात को हुई बहस के बाद इसे ध्वनि मत से पारित किया गया। विधेयक के पारित होने से मनरेगा कानून खत्म हो गया है।
विधेयक
संसद में फाड़ी गई विधेयक की प्रतियां
विपक्षी सांसदों ने विधेयक का जमकर विरोध किया। सदन के अंदर से लेकर बाहर तक केंद्र सरकार विरोधी तख्तियां दिखाई गईं और नारेबाजी हुई। लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में विधेयक का विरोध कर रहे सदस्यों ने इसे वापस लेने की मांग की। इस दौरान उन्होंने विधेयक की प्रतियां फाड़ दीं। विधेयक पारित होने के दौरान कई विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया और संविधान सदन के बाहर धरना दिया।
मांग
विपक्ष ने विधेयक को स्थायी समिति में भेजने की मांग की
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा, "चौहान जी, फिर सोचिए। कानून वापस लेने का अभी समय है। सरकार ने कई कानून वापस लिए हैं। क्या कोई झटका लगा? आपने 3 काले कानून वापस लिए। अगर आप यह कानून वापस लेते हैं, तो आप हीरो बन जाएंगे। अपने होठों पर राम और हाथ में छुरी मत रखिए!" विपक्ष ने विधेयक को संसद की स्थायी समिति के पास भेजने की मांग रखी।
जवाब
सरकार ने कानून का बचाव किया
लोकसभा में 8 घंटे और राज्यसभा में 5 घंटे चली बहस का जवाब देते हुए शिवराज सिंह ने विधेयक का बचाव किया। उन्होंने इसे रोजगार सृजन, ग्रामीण विकास और राष्ट्रीय प्रगति के लिए आवश्यक बताया। शिवराज ने कांग्रेस पर महात्मा गांधी के आदर्शों को बार-बार 'नष्ट' करने और उनके नाम का राजनीतिक लाभ के लिए दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। चौहान ने कहा कि मनरेगा भ्रष्टाचार से ग्रस्त था और उत्पादक संपत्ति निर्माण से धन दूसरी जगह लग रहा था।
आपत्ति
विपक्ष को नए कानून पर क्या है आपत्ति?
विपक्षी सांसदों की सबसे बड़ी आपत्ति इसके नाम को लेकर है, जिसमें महात्मा गांधी को हटाकर VB-जी राम जी किया गया है। सांसदों के मुताबिक, केंद्र सरकार राज्यों के ऊपर 40 प्रतिशत फंडिंग का भार सौंपकर अपना पल्ला झाड़ रही है, जिससे योजना चलाने में दिक्कत आएगी। नए विधेयक से ग्राम पंचायतों का अधिकार कम होगा, जो केंद्र सरकार के हाथ में चला जाएगा। योजना के तहत सभी निर्णय केंद्र लेगी। विपक्ष 60 दिन काम बंद पर भी नाराज हैं।
योजना
क्या है VB-जी राम जी योजना?
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय 2005 में मनरेगा योजना शुरू हुई थी, जो ग्रामीण क्षेत्रों में 100 दिनों के काम की गारंटी देती है। नए विधेयक में 100 दिनों की गारंटी को बढ़ाकर 125 दिन किया गया है। मनरेगा के लिए केंद्र अत्यधिक राशि देता था, जबकि नए कानून में राज्यों को भी भार उठाना होगा। उसे 10 से 40 प्रतिशत की राशि देनी पड़ सकती है। नए कानून में पूरे साल में 60 दिन (बोवाई-कटाई) तक रोजगार नहीं मिलेगा।