रात में कर्फ्यू लगाना और दिन में रैलियां कराना लोगों की समझ से परे- वरुण गांधी
क्या है खबर?
पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच बड़ी रैलियां आयोजित करने के लिए अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा है।
उन्होंने ट्वीट किया, 'रात में कर्फ्यू लगाना और दिन में रैलियों में लाखों लोगों को बुलाना, यह सामान्य जनमानस की समझ से परे है। उत्तर प्रदेश की सीमित स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मद्देनजर हमें ईमानदारी से यह तय करना पड़ेगा कि हमारी प्राथमिकता भयावह ओमिक्रॉन के प्रसार को रोकना है या चुनावी शक्ति प्रदर्शन।'
विरोधाभास
प्रधानमंत्री ने दी थी सतर्क और सावधान रहने की सलाह
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 दिसंबर को देशभर में ओमिक्रॉन की स्थिति और स्वास्थ्य व्यवस्था की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की थी।
इसमें उन्होंने कहा था कि नए संस्करण को देखते हुए सतर्क और सावधान हो जाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में भी 25 दिसंबर से रात 11 बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक का कर्फ्यू लगाया गया है।
वरुण गांधी ने इन्हीं फैसलों के बाद दिन में रैलियों के आयोजन की आलोचना की है।
रैली
चुनावों के कारण उत्तर प्रदेश के अधिक दौरे कर रहे हैं प्रधानमंत्री
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं, ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता राज्य के अधिक दौरे कर रहे हैं।
पिछले दिनों मोदी 'काशी विश्वनाथ कॉरिडोर' के प्रथम चरण के उद्घाटन और 'गंगा एक्सप्रेस-वे' के शिलान्यास के लिए उत्तर प्रदेश आए थे।
इस दौरान योगी आदित्यनाथ भी प्रधानमंत्री के साथ दिखाई दिए थे।
इंडिया टुडे की खबर के अनुसार, योगी 25 दिसंबर को गाजियाबाद में 'जन विश्वास यात्रा' में भी शामिल हुए थे।
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समाजवादी पार्टी और कांग्रेस भी जमकर कर रहे हैं रैलियां
भाजपा रैलियां करने वाली अकेली पार्टी नहीं है।
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस भी रैलियों के माध्यम से अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने में लगी हुई हैं।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव जमकर रैलियां कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी भी कई रैलियों में हिस्सा ले रहे हैं।
2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को 2024 के आम चुनावों के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है।
नाराजगी
लंबे समय से अपनी ही पार्टी पर निशाना साध रहे हैं वरुण गांधी
वरुण गांधी लंबे समय से पार्टी स्टैंड से हटकर अपनी बात कह रहे हैं और पार्टी की आलोचना कर रहे हैं।
किसान आंदोलन पर भी उन्होंने भाजपा के नजरिए की आलोचना की थी, वहीं उत्तर प्रदेश में TET के पेपर लीक होने पर भी उन्होंने सरकार पर निशाना साधा था।
उन्होंने कहा था कि घोटालों और सरकारी नौकरियों की कमी से युवाओं को अवसर नहीं मिल रहे हैं।
बैंकों के निजीकरण पर भी उन्होंने सरकार से सवाल पूछे थे।