उत्तर प्रदेश: भाजपा विधायक को रेप के मामले में 25 साल की सजा, रद्द होगी विधायकी
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के दुद्धि से भाजपा के विधायक रामदुलार सिंह गोंड को नाबालिग से रेप के मामले में सजा सुनाई गई है। सोनभद्र की सांसद-विधायक कोर्ट ने विधायक को 2014 के मामले में POCSO अधिनियम के तहत दोषी पाते हुए 25 साल की सजा सुनाई है और उन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने अर्थदंड की धनराशि तत्काल पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं।
विधायकी पर खतरा, हाई कोर्ट में देंगे चुनौती
सांसद-विधायक कोर्ट का फैसला आने के बाद रामदुलार गोंड की विधायकी पर खतरा मंडरा रहा है। उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द हो सकती है। विधायक के वकील ने फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। बता दें कि कोर्ट ने 12 दिसंबर को विधायक को दोषी करार दिया था। कोर्ट का फैसला आने पर पीड़िता के भाई और परिवार ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने इसे 8 साल की लड़ाई की जीत बताई है।
क्या है पूरा मामला?
गोंड ने 4 नवंबर, 2014 को उनके यहां धान काटने आई किशोरी से रेप किया था। विधायक ने 1 साल तक पीड़िता का रेप किया। उस समय वह विधायक नहीं थे, लेकिन उनकी पत्नी ग्राम प्रधान थीं। पीड़िता के पिता ने म्योरपुर थाने में शिकायत दी थी, जिसके बाद POCSO अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। पहले सुनवाई POCSO कोर्ट में चल रही थी, लेकिन गोंड के विधायक बनते ही इसे सांसद-विधायक कोर्ट स्थानांतरित कर दिया गया।
SP उम्मीदवार को हराकर विधायक बने थे गोंड
सोनभद्र की 4 विधानसभा सीटों में एक दुद्धि से भाजपा ने रामदुलार सिंह गोंड को 2022 में टिकट दिया था। उन्होंने समाजवादी पार्टी (SP) के विजय सिंह गोंड को निकटतम मुकाबले में 6,297 वोट से हराया था। गोंड से पहले दुद्धि सीट से अपना दल (सोनेलाल) के हरिराम चेरो विधायक थे। पीड़िता के भाई ने बताया था कि केस चलने के दौरान उनको काफी परेशान किया गया, धमकियां दी गईं और केस वापस लेने को कहा गया।
न्यूजबाइट्स प्लस
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 (3) के मुताबिक, किसी भी जन प्रतिनिधि को अगर किसी भी मामले में 2 साल या इससे अधिक की सजा सुनाई जाती है तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाती है। इस अधिनियम के तहत, दोषी सांसद या विधायक सजा पूरी होने के 6 साल बाद तक चुनाव भी नहीं लड़ सकते। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, सजा होते ही विधायकी/सांसदी रद्द हो जाती है। विधानसभा/संसद नोटिफिकेशन जारी कर इसे आधिकारिक करती हैं।