महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को दी नए चुनाव का सामना करने की चुनौती
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को अपने प्रतिद्वंदी एकनाथ शिंदे और उनकी सहयोगी भाजपा को नए चुनाव का सामना करने की चुनौती दी है। ठाकरे ने कहा, "आइए सभी नए चुनावों का सामना करें और महाराष्ट्र की जनता को अंतिम निर्णय लेने दें। राज्यपाल किसी कानून के तहत नहीं आते तो इसका मतलब यह नहीं है कि वे अपनी मनमर्जी करें। उन्होंने जो गैरकानूनी काम किया है, उसके लिए उनके खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए।"
ठाकरे ने कहा- स्पीकर विधायकों की अयोग्यता पर जल्द लें फैसला
ठाकरे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्तमान महाराष्ट्र सरकार को अंतरिम राहत दी है और राज्यपाल के निर्णय को अवैध बताते हुए निर्णय स्पीकर के ऊपर छोड़ा है। उन्होंने कहा "स्पीकर को बगावत करने वाले शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले में जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए। अगर वह इस मामले में समयसीमा के भीतर जल्द कोई निर्णय नहीं लेते हैं तो वह दोबारा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।"
ठाकरे ने नैतिकता के आधार पर मांगा था शिंदे का इस्तीफा
इससे पहले ठाकरे नैतिकता के आधार पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे से इस्तीफे की मांग कर चुके हैं। उन्होंने कहा था, "नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री (शिंदे) और उपमुख्यमंत्री (देवेंद्र फडणवीस) को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। जिस पार्टी से इन्हें सबकुछ मिला, उसी से इन्होंने (शिंदे गुट) गद्दारी की है। मैं ऐसे गद्दार लोगों के साथ सरकार कैसे चलाता। मैंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया और उन्हें भी इस्तीफा देना चाहिए।"
तत्कालीन महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी ने दी सफाई
घटनाक्रम के समय राज्यपाल रहे भगत सिंह कोश्यारी ने कहा, "मैं सिर्फ संसदीय और विधायी परंपरा जानता हूं और उस हिसाब से मैंने तब जो कदम उठाए, सोच-समझकर उठाए। जब इस्तीफा मेरे पास आ गया तो मैं क्या कहता कि मत दो इस्तीफा।"
NCP नेता बोले- शिंदे से इस्तीफा मांगने की जरूरत नहीं
महाराष्ट्र में ठाकरे के सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) नेता अजित पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगने की जरूरत नहीं है और वह कभी सपने में भी इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने कहा, "ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से स्पीकर को बिना पूछे इस्तीफा दे दिया था और ऐसा नहीं होना चाहिए था। अगर वह इस्तीफा दे देते तो हम नया स्पीकर चुन सकते थे और तब ही 16 विधायक अयोग्य घोषित हो जाते।"
महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
गुरुवार को महाराष्ट्र की राजनीति में हुए घटनाक्रम पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्यपाल के पास ठाकरे को फ्लोर टेस्ट के लिए बुलाने की कोई ठोस वजह नहीं थी और ये निर्णय गलत था। उसने शिंदे गुट के व्हिप को मान्यता देने के स्पीकर के फैसले को भी गैरकानूनी बताया। कोर्ट ने कहा कि ठाकरे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते तो उनकी सरकार बहाल हो सकती थी, लेकिन उन्होंने इस्तीफा दिया था, इसलिए शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे।