
SIR पर सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग बोला- उचित प्रक्रिया का पालन किया, जानें क्या-क्या हुआ
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर हुई सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों पर सहयोग करने के बजाय जनता की धारणा को बहकाने का आरोप लगाया है। आयोग ने कहा कि कुछ पार्टियां चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने में मदद करने के बजाय केवल एक कहानी गढ़ने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। आयोग ने यह टिप्पणी SIR प्रक्रिया पर हो रहे विवादों के बीच की है।
बयान
आयोग ने कहा- उचित प्रक्रिया के तहत हटाए गए नाम
आयोग ने मतदाताओं के नाम मनमाने ढंग से मतदाता सूची से हटाए जाने के आरोपों का खंडन किया। आयोग ने ऐसे दावों को झूठा और भ्रामक बताया। आयोग ने कहा कि SIR के दौरान बड़ी संख्या में लोगों को मनमाने ढंग से नहीं, बल्कि उचित सत्यापन प्रक्रिया के तहत हटाया गया है। आयोग ने एक याचिकाकर्ता के हलफनामे को भी झूठा बताया, जिसमें दावा किया गया था कि ड्राफ्ट रोल में शामिल होने के बाद उसका नाम हटा दिया गया।
आयोग
आयोग ने हलफनामों को भी बताया झूठा
आयोग ने कहा, "वे कह रहे हैं कि बहुत सारे मुस्लिमों के नाम हटाए गए, लेकिन आपके पास डेटा ही नहीं है। आप डेटा दीजिए। जिस महिला का नाम हटाने की बात आप कह रहे हैं, वो तो वोटर लिस्ट में है। अब तक 3 हलफनामे मिले हैं। हमने इसकी जांच की है। एक हलफनामा पूरी तरह से झूठा है। हलफनामे में कहा कि उसका नाम मसौदा सूची में था, लेकिन उन्होंने मतदाता गणना फॉर्म जमा नहीं किया था।"
सुनवाई
प्रशांत भूषण बोले- अंतिम सूची से कट गए कई नाम
सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि जिन लोगों के नाम ड्राफ्ट सूची में थे, उनके नाम अंतिम सूची में नहीं मिले है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के नाम अंतिम सूची से हटाए गए हैं, उन्हें व्यक्तिगत रूप से इसकी जानकारी नहीं दी गई है। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि ऐसे लोग जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों से संपर्क कर सकते हैं।
कोर्ट
कोर्ट ने कहा- लोगों को अपील करने का अधिकार
कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद कहा कि एक चुनौती यह है कि अंतिम सूची से बाहर रखे गए लगभग 3.66 लाख लोगों को अपील करने का अधिकार सुनिश्चित किया जाए। कोर्ट ने कहा, "अंतरिम उपाय के रूप में बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष से अनुरोध किया जाए कि वे आज ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सभी सचिवों को पैरालीगल स्वयंसेवकों और मुफ्त कानूनी सहायता परामर्शदाताओं की सेवाएं प्रदान करने के लिए पत्र भेजें।"
योगेंद्र यादव
चुनाव आयोग ने SIR को हथियार बना दिया- योगेंद्र यादव
योगेंद्र यादव ने कहा, "SIR ने एक सौम्य प्रक्रिया को हथियार बना दिया है। मेरे विचार से पूरी दुनिया में मतदाता सूचियों का मूल्यांकन पूर्णता, सटीकता और समानता के आधार पर किया जाता है। SIR की वजह से बिहार मतदाता सूची में अब तक की सबसे बड़ी कमी आई है। लगभग 20 प्रतिशत फॉर्म BLO द्वारा भरे गए हैं। अगर ऐसा नहीं होता, तो बहिष्कृत लोगों की संख्या 2 करोड़ होती। हो सकता है दूसरे राज्यों में ऐसा न हो।"