संसद में आज की कार्रवाई खत्म हो गई है। आखिर में सदन ने मणिपुर के लोगों से शांति स्थापित करने की अपील की। कल सदन की कार्यवाही 11 बजे से शुरू होगी।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा, "हम पहले दिन से मणिपुर पर चर्चा चाहते हैं। हमें गृह मंत्री की काबिलियत पर शक नहीं है, लेकिन जिस मुद्दे पर डीएम को बोलना चाहिए उस पर कोतवाल बोल रहा है।"
शाह ने कहा, "NDA ने स्थिरता दी है। 30 साल से कांग्रेस तक कोई सरकार को चलने नहीं दिया। इनकी फितरत ही अस्थिरता है। हमने स्थिर शासन दिया, इसलिए देश विकास कर रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव पर मोदी जी ने देश के प्रति सम्मान की आशा को निर्मित किया है। 25 साल में हम भारत को विश्व में नंबर-1 बनाएंगे। मेरी देश की जनता से अपील है कि 5 साल और मोदी जी को दें।"
शाह ने कहा, "मोदी जी ने हिंदी-चीनी भाई-भाई के नारे नहीं लगाए। 2008 में बीजिंग में चीनी उपराष्ट्रपति के साथ में समझौता राहुल गांधी ने किया। अभी-अभी एक न्यूजक्लिक का खुलासा हुआ है। ये चीनी पैसों से चलता है। UPA का नाम इसलिए बदला ताकि घोटालों से साख खराब हो रही थी।" इसके बाद शाह ने अलग-अलग घोटालों के नाम गिनाए।
शाह ने कहा, "CAG को सरकारी कामकाज से दूर रखने का काम इंदिरा गांधी ने किया, JNU पर ताला लगाने का काम इंदिरा ने किया। UPSC के अधिकारों को छीनने का काम इंदिरा ने किया।"
शाह ने कहा कि सबसे ज्यादा दंगे जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के शासन में हुए हैं। इसके बाद उन्होंने अलग-अलग राज्यों में हुए दंगों में मारे गए लोगों का आंकड़ा भी बताया। उन्होंने कहा, "दंगे हर बार हुए, मगर हमने कभी पार्टी के साथ नहीं जोड़ा। हमने कभी जवाब देते हुए गृह मंत्री को नहीं रोका। सदन की कार्रवाई को नहीं रोका। हमने विपक्ष में रहते हुए भी शांति का समर्थन किया।"
शाह ने कहा, "मैं मणिपुर के दोनों समुदाय से हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि हिंसा किसी भी समस्या का हल नहीं है। मैं दोनों से शांति की अपील करता हूं। हम चर्चा के लिए तैयार हैं। इस विषय पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।"
शाह ने कहा, "मैं वहां 3 दिन 3 रात रहा। मेरे साथी नित्यानंद जी 23 दिन वहां रहे। हमने जांच के लिए कमीशन बनाया है। शांति समिति बनाई है। 36,000 सुरक्षाकर्मी खड़े हैं। सुरक्षा बलों के बीच बेहतर सामांजस्य के लिए यूनिफाइड कमांड बनाई है। षडयंत्र वाले 6 केस CBI को दे दिए गए थे। SIT गठित हो गई है। 30,000 मिट्रिक टन चावल भेजा है। 8 मेडिकल टीमें काम कर रही है। 98 प्रतिशत स्कूल खुल गए हैं।"
शाह ने कहा, "14,898 लोगों को गिरफ्तार किया है। 1,106 FIR दर्ज की गई। जो शर्मनाक वीडियो आया, वो दुर्भाग्यपूर्ण है। ये घटना समाज के ऊपर धब्बा है। ये वीडियो संसद सत्र के एक दिन पहले ही क्यों आया? अगर पहले वीडियो दे दिया जाता तो आरोपी पहले ही पकड़े जाते। हमने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिन पर ट्रायल चल रहा है।"
शाह ने कहा, "UPA के शासन में वहां नाकाबंदी की जाती थी। तब पेट्रोल के दाम 1,200 रुपये तक पहुंचे थे। हमने दामों को वहां बढ़ने नहीं दिया। अब तक 152 लोग मारे गए। मई में 107 मारे गए। जून में 30 और जुलाई में 15 मारे गए। इसका मतलब है कि हिंसा धीरे-धीरे कम हो रही है। राहुल गांधी वहां गए, तो हमने कहा हेलिकॉप्टर से जाइए तो कहने लगे कि रोड से जाउंगा। इसे राजनीति कहते हैं।"
शाह ने कहा, "1993 में दूसरी बार मणिपुर में संघर्ष हुआ, 100 लोग मारे गए। राज्यसभा में गृह मंत्री ने जवाब दिया। 1997 में फिर संघर्ष हुआ, 1 साल तक संघर्ष चला, लेकिन कोई चर्चा नहीं हुई। मैं जवाब देने को तैयार हूं, लेकिन बोलने ही नहीं देते। 2004 में किसी ने जवाब नहीं दिया। ये परिस्थितिजन्य नस्लीय हिंसा है। 3 दिन तक लगातार यहां से हमने काम किया। 16 वीडियो कॉन्फ्रेंस की। 36,000 सुरक्षाकर्मी पहुंचाए। डीजीपी बदला।"
शाह ने कहा, "आग में घी डालने का काम हाई कोर्ट के फैसले ने किया। कह दिया कि 29 अप्रैल के पहले मैतेई को जनजाति घोषित कर दीजिए। इससे हालात बिगड़े और 3 मई को हिंसा शुरू हुई, जो अब तक चल रही है। वहां सैन्य शासन आने के बाद नारकोटिक्स की तस्करी भी बढ़ गई है। कोर्ट आदेश के विरोध में जुलूस निकला और हिंसा शुरू हुई।"
शाह ने कहा, "उसी के बाद हमने निर्णय लिया कि सीमा को खुला नहीं रख सकते, फेंसिंग करनी पड़ेगी। 10 किलोमीटर फेंसिंग हो चुकी है। फिर अंदेशा खड़ा होने लगा जनसांख्यिकी के बदलाव का। इसके लिए हमने जनवरी में शरणार्थियों को परिचय पत्र दिया। 2023 में दंगा हुआ, 2021 में फेंसिंग चालू करी और 2023 की शुरुआत में हमने थंब इंप्रेशन लेना शुरू किया। फिर भी संख्या बढ़ती गई तो मैतेई लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ी। एक अफवाह फैली 29 अप्रैल को कि शरणार्थियों की बसाहट को गांव घोषित कर दिया गया। इससे और हालात बिगड़ गए।"
शाह ने कहा, "6 साल से मणिपुर में भाजपा की सरकार है। तबसे 3 मई तक एक भी दिन कर्फ्यू नहीं लगा। 2021 में म्यांमार में सत्ता परिवर्तन हुआ। वहां सैन्य शासन आया। कुकी फ्रंट ने लोकतंत्र के लिए आंदोलन शुरू किया, जिस पर सैन्य शासन ने सख्ती की। इससे मिजोरम और मणिपुर में कुकी भाई आए। इससे मणिपुर के बाकी हिस्सों में असुरक्षा की भावना हुई।"
शाह ने कहा, "मैं पहले दिन से चर्चा के लिए तैयार हूं, लेकिन विपक्ष चर्चा नहीं चाहता। मैं कहना चाहता हूं कि मेरी चर्चा से संतुष्ट न होते तो फिर प्रधानमंत्री को कहते। लेकिन आप पक्ष नहीं रखने देंगे तो किस प्रकार की व्यवस्था चाहते हो।"
शाह ने कहा, "मैं विपक्ष से सहमत हूं कि मणिपुर में हिंसा का तांडव होता। हमें शर्म है कि इस प्रकार की घटनाएं वहां हुईं। परंतु उस घटना पर राजनीति करना उससे भी ज्यादा शर्मनाक है। ये भ्रांति फैलाई गई कि सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं। मैंने पत्र लिखकर कहा था कि मैं चर्चा के लिए तैयार हूं।"
शाह ने कहा, "8,000 सशस्त्र उग्रवादियों ने 9 साल में आत्मसमर्पण किया है। हमने हिंसक घटनाओं में 61 प्रतिशत कमी आई है।"
शाह ने कहा, "पूर्वोत्तर में नागरिकों की मृत्यों में 82 प्रतिशत की कमी आई है। पूर्वोत्तर में हिंसा कम हुई है। 10 साल तक वहां कुछ नहीं हुआ। मोदी जी ने पूर्वोत्तर को भारत के साथ जोड़ा है। दिल से दूरी कम की है। मोदी जी 9 साल में 50 से ज्यादा बार पूर्वोत्तर गए।"
शाह ने कहा, "हमने ED और NIA को जोड़ा। डेटा सेंटर बनाए। आज वामपंथी उग्रवादी 3 जिलों में सिमटकर रह गए हैं। ये अविश्वास प्रस्ताव गिरने वाला है।"
शाह ने कहा, "हम हुर्रियत और पाकिस्तान से चर्चा नहीं करेंगे। हम जम्मू-कश्मीर के युवाओं से चर्चा करेंगे। यहां केवल महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला ने राज किया है। अब यहां से पथराव कि खबरें सामने नहीं आती हैं।"