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संसद की कार्यवाही में 3 दिन में 25.28 करोड़ रुपये का नुकसान, हर मिनट इतना खर्च
संसद परिसर में विपक्ष का प्रदर्शन

संसद की कार्यवाही में 3 दिन में 25.28 करोड़ रुपये का नुकसान, हर मिनट इतना खर्च

लेखन गजेंद्र
Jul 24, 2025
03:51 pm

क्या है खबर?

संसद का मानसून सत्र शुरू हुए 3 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक कुछ खास हासिल नहीं हुआ। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और अन्य मुद्दों को लेकर हो रहे हंगामे के चलते 3 दिन में राजस्व को 25 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। राज्यसभा और लोकसभा में प्रतिदिन 6 घंटे कामकाज की संभावना होती है, लेकिन ये 5 घंटे से कम है। आइए, जानते हैं सरकारी खर्च का पूरा गणित।

कामकाज

सदन की कार्यवाही चलाने में आता है प्रति मिनट 2.5 लाख रुपये का खर्च

PRS लेजिस्लेटिव रिसर्च ने संसदीय घंटों के आंकड़ों को जारी किया था, जिसमें व्यवधान के कारण प्रति मिनट 1.25 लाख रुपये का जिक्र है। इसके अलावा पूर्व लोकसभा महासचिव पीडीटी आचार्य ने संसद चलाने का खर्च 2.5 लाख रुपये प्रति मिनट बताया था, जबकि प्रत्येक सदन की कार्यवाही पर प्रति मिनट 1.25 लाख का खर्च आता है। 2012 में, तत्कालीन संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल ने संसद का एक सत्र चलाने की लागत 2.5 लाख रुपये प्रति मिनट बताई थी।

आंकड़े

पिछले 3 दिन में कितना हुआ खर्च

वर्ष 2012 से लेकर 2025 तक महंगाई काफी बढ़ चुकी है। ऐसे में यह लागत ज्यादा होने की संभावना है। हालांकि, 2.5 लाख रुपये प्रति मिनट के हिसाब से 3 दिन में 25.28 करोड़ रुपये खर्च आया है। लोकसभा-राज्यसभा में 3 दिन में 6 घंटे के हिसाब से प्रति सदन 1,080 मिनट काम होना चाहिए, लेकिन राज्यसभा में केवल 264 मिनट और लोकसभा में 54 मिनट का काम हुआ। राज्यसभा में 816 मिनट और लोकसभा में 1,206 मिनट बर्बाद हुए।

बर्बाद

करदाताओं का कितना हुआ खर्च?

आंकड़ों के मुताबिक, राज्यसभा में बर्बाद हुए 816 मिनट को अगर प्रति मिनट 1.25 लाख रुपये से गुणा करें तो राजस्व को 10.2 करोड़ रुपये नुकसान का पता चलता है। इसी तरह, लोकसभा में बर्बाद हुए 1,206 मिनट को प्रति मिनट 1.25 लाख रुपये से गुणा किया जाए तो 15.08 करोड़ रुपये राजस्व के नुकसान का पता चलता है। ऐसे में दोनों सदनों में 3 दिन में कुल 25.28 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

जानकारी

कितनी हुई बैठकें?

पिछली 17वीं लोकसभा 17 जून, 2019 से 25 जून, 2024 तक चली थी। उस दौरान कुल 20 सत्र में 331 दिन संसद की बैठकें चली थीं। तुलना की जाए तो 16वीं लोकसभा में 356 दिन और 15वीं लोकसभा में 357 दिन की बैठकें हुई थीं।