उमर अब्दुल्ला का 'वोट चोरी' पर बड़ा बयान, कहा- इससे INDIA गठबंधन का कोई लेना-देना नहीं
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कांग्रेस द्वारा उठाए गए 'वोट चोरी' के मुद्दे से खुद को अलग करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस के द्वारा उठाया गया मुद्दा है और इससे INDIA गठबंधन का कोई लेना-देना नहीं है। उनकी यह टिप्पणी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 'वोट चोर गद्दी छोड़' रैली में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं द्वारा भाजपा और चुनाव आयुक्तों पर हमला करने के एक दिन बाद आई है।
बयान
अब्दुल्ला ने क्या दिया बयान?
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कांग्रेस द्वारा उठाए जा रहे 'वोट चोरी' और कथित चुनावी अनियमितताओं के मुद्दे पर कहा, "INDIA गठबंधन का इससे कोई लेना-देना नहीं है। हर राजनीतिक दल को अपना एजेंडा तय करने की स्वतंत्रता है। कांग्रेस ने 'वोट चोरी' और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनर्रीक्षण (SIR) को अपना मुख्य मुद्दा बनाया है। हम उन्हें कुछ और कहने वाले कौन होते हैं?" बता दें कि अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) INDIA गठबंधन का एक प्रमुख घटक दल है।
तंज
अब्दुल्ला ने INDIA गठबंधन पर भी कसा था तंज
इससे पहले अब्दुल्ला ने INDIA गठबंधन पर भी तंज कसा था। उन्होंने कहा था, "हम एक तरह जीवन रक्षक यंत्र पर हैं। कभी कोई हमे सहारा देता है, तो कभी झटका देता है। इससे हम फिर उठ खड़े होते हैं, लेकिन फिर अचानक बिहार जैसे परिणाम आ जाते हैं और हम फिर से गिर जाते हैं। इसके बाद हमें किसी को ICU में ले जाना पड़ता है। INDIA गठबंधन ने नीतीश कुमार को NDA की गोद में वापस धकेल दिया।"
प्रतिक्रिया
अब्दुल्ला के बयान पर क्या बोले INDIA गठबंधन के नेता
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता मनोज झा ने अब्दुल्ला की टिप्पणियों को जल्दबाजी बताते हुए कहा, "अगर, गठबंधन संकट में है, तो अब्दुल्ला भी उसी गठबंधन का हिस्सा हैं। यह किसी एक दल का मामला नहीं है। ताने मारने से जिम्मेदारी खत्म नहीं होती।" CPI नेता डी राजा ने कहा, "सभी दलों को अपना आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। INDIA ब्लॉक का गठन ही भाजपा को हराने के लिए किया गया था, लेकिन अब गठबंधन समन्वय से काम क्यों नहीं कर रहा।"
रैली
कांग्रेस ने 'वोट चोरी' को लेकर निकाली रैली
कांग्रेस ने रविवार को रामलीला मैदान पर 'वोट चोरी' पर रैली निकाली। इस रैली को 'वोट चोर, गद्दी छोड़' नारा दिया गया है। इसमें कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कि वोट चोरी सत्ताधारी पार्टी के DNA में है और उसके नेता गद्दार हैं जो लोगों के मतदान के अधिकार को छीनने की साजिश रच रहे हैं। ऐसी पार्टी को सत्ता से हटा दिया जाना चाहिए। कांग्रेस का दावा है कि उसने वोट चोरी के खिलाफ 6 करोड़ हस्ताक्षर लिए हैं।