राज्यसभा में भाजपा के सांसदों की संख्या गिरकर 86 हुई, जानिए क्या है इसके मायने
राज्यसभा में गत शनिवार को भाजपा के 4 मनोनीत सदस्य राकेश सिन्हा, राम शकल, सोनल मानसिंह और महेश जेठमलानी का कार्यकाल पूरा होने से पार्टी के सदस्यों की संख्या कम होकर 86 पर आ गई है। इसी तरह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सदस्यों की संख्या 101 रह गई है। यह संख्या 245 सदस्यीय सदन में बहुमत के मौजूदा आंकड़े 113 से कम है। ऐसे में जानते हैं कि सदस्य संख्या कम होने के भाजपा के लिए क्या मायने होंगे।
राज्यसभा में वर्तमान में किस पार्टी के कितने सदस्य?
राज्यसभा की वर्तमान सदस्य संख्या 226 है। इसमें से 101 सदस्य NDA के हैं, जिसमें 86 भाजपा के हैं। इसी तरह कांग्रेस के नेतृत्व वाले INDIA गठबंधन के सदस्यों की संख्या 87 है। इनमें से कांग्रेस के पास 26, पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस (TMC) के पास 13, दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) और तमिलनाडु में DMK के पास 10-10 सीटें हैं। इसी तरह 4 सीट तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (BRS) और अन्य निर्दलीयों के पास है।
भाजपा की सीटें कम होने के क्या हैं मायने?
राज्यसभा में भाजपा की सीटें कम होने का मतलब है कि सरकार को उच्च सदन में विधेयक पारित करने के लिए NDA से बाहर के दलों (तमिलनाडु की पूर्व सहयोगी AIDMK और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की YSR-कांग्रेस) पर निर्भर रहना पड़ेगा। भाजपा को NDA के अन्य सहयोगी दलों के 15 वोटों पर भरोसा करने के बाद किसी विधेयक को पास कराने के लिए अपने पक्ष में कम से कम 13 अतिरिक्त वोटों की आवश्यकता होगी।
भाजपा को YSR-कांग्रेस से मिल सकता है पूरा सहयोग
YSR-कांग्रेस (11) और AIDMK (4) भाजपा के दो सबसे स्पष्ट सहयोगी रहे हैं। हालांकि, लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले दोनों ही NDA से अलग हो गए थे। YSR-कांग्रेस ने भाजपा को मुद्दा-आधारित समर्थन दिया है। ऐसे में भाजपा को 11 अतिरिक्त वोट मिलने का भरोसा है। ओडिशा की बीजू जनता दल (BJD) (9) ने भी इसी तरह का समर्थन दिया था, लेकिन विधानसभा चुनाव में भाजपा से हार के बाद उसका समर्थन मिलना मुश्किल है।
भाजपा को मनोनीत सदस्यों की भी पड़ सकती है जरूरत
किसी विधेयक पर यदि AIDMK भाजपा को समर्थन देने से इनकार करती है और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की BJD भी मुंह मोड़ती है तो ऐसी स्थिति में भाजपा को मनोनीत सदस्यों का मुंह ताकना पड़ेगा। राज्यसभा में मनोनीत सदस्यों की कुल संख्या 12 है, लेकिन वर्तमान में 7 सदस्य ही गुटनिरपेक्ष नजर आए हैं। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार द्वारा चुने गए मनोनीत सदस्य अपनी वफादारी दिखाने के लिए विधेयक पर उसके पक्ष में वोट कर दें।
राज्यसभा में कितनी सीटें हैं खाली?
राज्यसभा में इस समय कुल 19 सीटें खाली हैं। इनमें 4 मनोनीत सदस्य, 4 जम्मू-कश्मीर से, असम, बिहार और महाराष्ट्र में 2-2, हरियाणा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा में 1-1 सीटें हैं। अगर 19 सीटें जल्द ही भर जाती हैं, तो इसमें से 8 संभवत: NDA के खाते में आएंगी। इस तरह से NDA की संख्या राज्यसभा में 109 हो जाएंगी। इसी तरह INDIA को 3 और कांग्रेस को 1 सीट मिलने की उम्मीद है।