टीवी डिबेट का बहिष्कार करेगी बसपा, मायावती ने चैनलों के जातिवादी रवैये को ठहराया जिम्मेदार
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश चुनाव में अपनी "ऐतिहासिक" हार के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने ऐलान किया है कि अब से उनकी पार्टी का कोई भी प्रवक्ता टीवी न्यूज चैनलों पर होने वाली बहसों में हिस्सा नहीं लेगा।
अपने इस फैसले के लिए उन्होंने मीडिया चैनलों के जातिवादी एजेंडे को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि उनके इस रवैये के कारण विधानसभा चुनाव में बसपा को बहुत नुकसान हुआ।
ट्वीट
मायावती ने ट्वीट कर दी अपने फैसले की जानकारी
मायावती ने ट्वीट कर अपने इस अप्रत्याशित फैसले की जानकारी दी।
आज सुबह किए गए अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'उत्तर प्रदेश विधानसभा आम चुनाव के दौरान मीडिया द्वारा अपने आकाओं के दिशा-निर्देशन में जो जातिवादी द्वेषपूर्ण व घृणित रवैया अपनाकर अम्बेडकरवादी बसपा मूवमेन्ट को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया है, वह किसी से भी छिपा नहीं है। इस हालत में पार्टी प्रवक्ताओं को भी नई जिम्मेदारी दी जाएगी।'
बयान
मायावती का सभी प्रवक्ताओं को टीवी डिबेट में शामिल न होने का निर्देश
अपने ट्वीट में मायावती ने आगे कहा, 'इसलिए पार्टी के सभी प्रवक्ता श्री सुधीन्द्र भदौरिया, श्री धर्मवीर चौधरी, डॉ एम एच खान, श्री फैजान खान और श्रीमती सीमा कुशवाहा अब टीवी डिबेट आदि कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे।'
वीडियो
वीडियो जारी कर मायावती ने बताई अपनी हार की मुख्य वजह
मायावती ने अपना एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें उन्होंने अपनी पार्टी के हार के कारणों पर प्रकाश डाला है।
उन्होंने कहा, "भाजपा को हराने के लिए मुस्लिमों ने अपना वोट बसपा से सपा की तरफ शिफ्ट कर दिया। उनका इस गलत फैसले का हम पर बहुत बड़ा असर पड़ा क्योंकि बसपा समर्थकों, सवर्ण हिंदुओं और OBC में डर फैल गया कि अगर सपा सत्ता में आई तो फिर से जंगल राज होगा। इसलिए भाजपा की तरफ चले गए।"
बयान
भाजपा को केवल बसपा ही हरा सकती थी- मायावती
अपने वीडियो संबोधन में मायावती ने ये भी कहा कि केवल बसपा ही भाजपा को हरा सकती थी।
उन्होंने कहा, "अगर मुस्लिम दलितों के साथ वोट देते तो हम जो बंगाल में हुआ, उसे दोहरा सकते थे... इसके अलावा वो अहम समय पर एक मुख्य बात भूल गए- कि उत्तर प्रदेश में केवल बसपा ही भाजपा को सत्ता में आने से रोक सकती थी... अगर त्रिकोणीय मुकाबला होता तो बसपा के नतीजे कुछ और ही होते।"
खराब प्रदर्शन
विधानसभा चुनाव में महज एक सीट जीत पाई है बसपा
बता दें कि इस विधानसभा चुनाव में बसपा ने अपने इतिहास का सबसे खराब प्रदर्शन किया है। पार्टी महज एक सीट जीत पाई, वहीं उसका वोट प्रतिशत भी 2017 चुनाव में 22 प्रतिशत से गिरकर लगभग 13 प्रतिशत पर आ गया।
माना जा रहा है कि मायावती के इस खराब प्रदर्शन का अधिकांश लाभ भाजपा को मिला और उसका सारा वोट भाजपा को ट्रांसफर हो गया।
इसकी बदौलत भाजपा 255 सीटें जीतने में कामयाब रही। सपा को 111 सीटें मिलीं।