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महाराष्ट्र: पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर दिया विवादित बयान, माफी मांगने से इंकार
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने 'ऑपेरशन सिंदूर' पर दिए बयान पर माफी मांगने से इंकार किया

महाराष्ट्र: पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर दिया विवादित बयान, माफी मांगने से इंकार

लेखन गजेंद्र
Dec 17, 2025
01:39 pm

क्या है खबर?

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण के 'ऑपरेशन सिंदूर' पर दिए बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि, उन्होंने माफी मांगने से इंकार कर दिया है। चव्हाण ने बुधवार को कहा कि परमाणु निजीकरण विधेयक- शांति विधेयक से लोगों का ध्यान हटाने के लिए उनके बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें सवाल पूछने का अधिकार है और वह माफी नहीं मांगेंगे।

विवाद

संविधान ने मुझे सवाल पूछने का अधिकार दिया- चव्हाण

महाराष्ट्र के पुणे में चव्हाण ने 'ऑपरेशन सिंदूर' से जुड़े बयान को लेकर कहा कि माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं उठता है, वह इस मुद्दे पर विस्तार से बात करेंगे। उन्होंने आगे कहा, "मैं माफी क्यों मांगूंगा? बिल्कुल सवाल ही नहीं उठता। संविधान मुझे सवाल पूछने का अधिकार देता है। मैं इस विषय पर विस्तार से मीडिया से बात करूंगा। यह मेरा अधिकार है।"

ट्विटर पोस्ट

पृथ्वीराज चव्हाण ने क्या कहा?

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बयान

'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर क्या बोले थे चव्हाण?

पुणे में मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए चव्हाण ने कहा था, "ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन ही हमें पूरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। 7 तारीख को हुए आधे घंटे के हवाई संघर्ष में हम पूरी तरह से पराजित हो गए, चाहे लोग इसे स्वीकार करें या न करें। भारतीय विमानों को मार गिराया गया। वायु सेना पूरी तरह से ठप हो गई थी और एक भी विमान नहीं उड़ा।"

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ऑपरेशन

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला कर दिया था, जिसमें 26 पुरुष पर्यटकों का धर्म पूछकर गोली मारी गई थी। घटना के बाद भारतीय सेना ने 7 मई को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था, जिसमें 9 ठिकाने ध्वस्त कर दिए गए थे। इसके बाद दोनों तरफ से मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू हो गए। 10 मई को पाकिस्तान ने युद्ध विराम की पेशकश की थी।

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