महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पर फंसा पेंच: एकनाथ शिंदे अचानक सतारा गए, महायुति की बैठक भी रद्द
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के 6 दिन बाद भी महायुति में मुख्यमंत्री पद पर सहमति नहीं बन पा रही है। इस बीच आज होने वाली महायुति की अहम बैठक टाल दी गई है। बैठक क्यों रद्द हुई इसकी वजह भी सामने नहीं आई है। वहीं, कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अचानक से सतारा रवाना हो गए हैं। माना जा रहा है कि उनके लौटने के बाद दोबारा बैठक हो सकती है।
शिंदे अचानक से अपने गांव गए
शिंदे बिना किसी पूर्व योजना के अपने गांव सतारा चले गए हैं। वे कल यानी 30 दिसंबर को लौट सकते हैं। माना जा रहा है कि उपमुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल में पदों पर नाराजगी के चलते वे सतारा गए हैं। वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि शिंदे ने मंत्रिमंडल के नामों की सूची भाजपा आलाकमान को सौंप दी है। अब वे भाजपा को सोच-विचार का समय देने के लिए सतारा गए हैं।
उपमुख्यमंत्री पद पर राजी नहीं हैं शिंदे
भाजपा ने शिंदे को उपमुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन शिंदे शिवसेना ने इससे साफ इनकार कर दिया है। शिंदे को केंद्रीय मंत्री पद देने की भी चर्चाएं हैं। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा, "अगर एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार नहीं करते हैं तो पार्टी से ही दूसरा चेहरा ये पद संभालेगा। एकनाथ शिंदे आज शाम तक इस पर फैसला ले लेंगे। मुझे नहीं लगता कि वे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करेंगे।"
1 दिसंबर को भाजपा विधायक दल की बैठक
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, 1 दिसंबर को भाजपा ने अपने विधायक दल की बैठक बुलाई है। इसमें 2 पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाई जाएगी। इस बैठक के बाद महायुति की बैठक भी बुलाई जाएगी। वहीं, आज होने वाली शिवसेना के विधायकों की बैठक भी रद्द कर दी गई है। माना जा रहा है कि शिंदे के सतारा से लौटने के बाद ये बैठक होगी।
दिल्ली में हुई थी महायुति की बैठक
इससे पहले 28 नवंबर की रात शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने करीब ढाई घंटे तक गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की थी। शाह के साथ बैठक से पहले फडणवीस और पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सांसद सुनील तटकरे के दिल्ली स्थित आवास पर अलग से मुलाकात भी की थी। शिंदे ने भी आधे घंटे तक शाह से अकेले में चर्चा की थी।
शिंदे ने कहा था- प्रधानमंत्री जो फैसला लेंगे वो मंजूर
27 नवंबर को शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की दावेदारी से लगभग खुद को बाहर कर दिया था। उन्होंने कहा था, "मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर कहा था कि हमारे बीच कोई अड़चन नहीं है। आप जो भी फैसला लेंगे, वो हमें मंजूर होगा। कोई मतभेद नहीं है। हम NDA का हिस्सा हैं। अगर भाजपा के लिए लेते हैं फैसला, या किसी के लिए फैसला लेते हैं हमें मंजूर होगा। मुझे भाजपा की सरकार से कोई दिक्कत नहीं है।"