महाराष्ट्र में 5 दिसंबर को होगा मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह- रिपोर्ट
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का परिणाम आए एक हफ्ता हो गया है, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री पद का चेहरा निर्धारित नहीं हुआ है। इस बीच खबर आ रही है कि 5 दिसंबर को मुंबई में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। आजाद मैदान में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की ओर से एक-एक उपमुख्यमंत्री भी शपथ लेंगे। हालांकि, अभी मंत्रियों के शपथग्रहण के बारे में जानकारी सामने नहीं आई है।
भाजपा विधायक दल की बैठक आगे बढ़ी
भाजपा विधायक दल की एक दिसंबर को होने वाली बैठक भी आगे बढ़ गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कहा जा रहा है कि अब ये बैठक 2 या 3 दिसंबर को हो सकती है। मुंबई में होने वाली इस बैठक में भाजपा अपने पर्यवेक्षक भेजेगी, जिनकी उपस्थिति में विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा और शपथग्रहण की तारीख की आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
शिंदे की तबीयत बिगड़ी
इस बीच सतारा में अपने आवास पर ठहरे शिंदे की तबीयत बिगड़ गई है। इसके बाद मुंबई से डॉक्टरों की एक टीम सतारा भेजी गई है। बता दें कि सतारा में शिंदे का पैतृक आवास है।
मुख्यमंत्री पद के लिए फडणवीस का नाम लगभग तय
दैनिक भास्कर से बात करते हुए भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से हरी झंडी मिलने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस के नाम पर मुहर लगा दी गई है। NCP के अजित पवार भी पहले ही फडणवीस के नाम पर सहमति जता चुके हैं। पहले एकनाथ शिंदे पद के दावेदार बताए जा रहे थे, लेकिन वे कह चुके हैं कि प्रधानमंत्री जो फैसला लेंगे वो उन्हें मंजूर होगा।
सरकार गठन में देरी को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा
NCP (शरद) प्रमुख शरद पवार ने कहा, "स्पष्ट बहुमत होने के बाद भी अभी तक सरकार नहीं बन पाई है। इसका मतलब साफ है कि जनता द्वारा दिया गया बहुमत उनके लिए कोई मायने नहीं रखता।" वहीं, शिवसेना (उद्धव) के संजय राउत ने कहा, "भाजपा की क्या मजबूरी है। 8 दिन बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री क्यों नहीं बन रहा है? एकनाथ शिंदे तो अपने गांव जाकर बैठ गए हैं। शपथ ग्रहण कब होगा, किसी को जानकारी नहीं है।"
कहां फंस रहा है पेंच?
महायुति में मंत्रालयों के बंटवारे पर मतभेद है। सबसे ज्यादा विवाद गृह मंत्रालय को लेकर है। शिंदे इसे लेकर अड़े हुए हैं, लेकिन भाजपा ये विभाग छोड़ना नहीं चाहती। शिंदे सरकार में फडणवीस गृह मंत्री थे। वित्त मंत्रालय पहले अजित के पास था, लेकिन अब भाजपा-शिवसेना दोनों इस पर दावा कर रही है। अजित भी पिछली सरकार का हवाला देकर वित्त मंत्रालय मांग रहे हैं। इसके अलावा शहरी विकास, राजस्व और सामान्य प्रशासन को लेकर भी मतभेद हैं।