मध्य प्रदेश: कांग्रेस को बड़ा झटका, 6 बार के विधायक रामनिवास रावत भाजपा में शामिल हुए
मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 2 दिन में दूसरा बड़ा झटका लगा है। 6 बार के विधायक रामनिवास रावत आज मंगलवार को पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने श्योपुर में राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव की उपस्थिति में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान प्रदेश भाजपा प्रमुख विष्णु दत्त शर्मा, पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी मौजूद रहे। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया था कि रावत भाजपा में शामिल होने वाले हैं।
बड़ा OBC चेहरा हैं रामनिवास रावत
रामनिवास रावत मध्य प्रदेश की राजनीति का एक जाना-माना OBC चेहरा हैं और श्योपुर की विजयपुर सीट से 6 बार विधायक रह चुके हैं। वे 2019 में केंद्रीय मंत्री रहे नरेंद्र तोमर के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़े थे। रावत 1993 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा वे मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे हैं। रावत का चंबल की राजनीति पर अच्छा-खासा प्रभाव है।
इस कारण रावत का जाना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका
रावत ऐसे समय पर भाजपा में शामिल हुए है, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी चंबल-ग्वालियर के दौरे पर हैं और आज भिंड में रैली कर रहे हैं। यह इलाका राजनीतिक तौर पर काफी अहम है। कांग्रेस से भाजपा में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया भी ग्वालियर इलाके से आते हैं। ऐसे में रावत का भी पार्टी का दामन छोड़ने से पार्टी को इलाके में नुकसान हो सकता है। रावत के साथ सैकड़ों कार्यकर्ता भी भाजपा में शामिल हुए।
सोमवार को भी मध्य प्रदेश में लगा था कांग्रेस को झटका
यह मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 2 दिन में दूसरा झटका है। इससे पहले सोमवार को इंदौर सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया था और इसके बाद भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके कारण अब सीट पर कांग्रेस का कोई उम्मीदवार नहीं रह गया है और यहां से भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी का जीतना लगभग तय हो गया है। वह 2019 में भी यहां से सांसद बने थे।
मार्च से ही भाजपा में जा रहे कांग्रेस नेता
बता दें कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद से ही कांग्रेस में हलचल है और मार्च से उसके कई नेता पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थाम चुके हैं। हाल ही में अक्षय से कुछ दिन पहले पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा 29 में से 28 सीटें जीती थी और इस बार भी यही प्रदर्शन दोहराना चाहती है।