कांग्रेस को झटका; इंदौर से उम्मीदवार अक्षय कांति भाजपा में शामिल हुए, नामांकन वापस लिया
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश की इंदौर सीट पर सूरत जैसा कांड हो सकता है। यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। इसके बाद अब यहां भाजपा के सामने कोई बड़ी चुनौती नहीं रह गई है।
नामांकन वापस लेने के बाद अक्षय भाजपा में भी शामिल हो गए। मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री कैलाश विजवर्गीय ने उनके साथ तस्वीर ट्वीट कर उनका पार्टी में स्वागत किया है।
घटनाक्रम
भाजपा विधायक के साथ नामांकन वापस लेने पहुंचे अक्षय कांति
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, अक्षय कांति आज सुबह कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और अपना नामांकन वापस ले लिया। इस दौरान भाजपा विधायक रमेश मेंदोला उनके साथ देखे गए।
अक्षय ने 24 अप्रैल को नामांकन दाखिल किया था और आज नामांकन वापस लेने का अंतिम दिन था।
अक्षय के नामांकन वापस लेने के बाद विजयवर्गीय ने एक तस्वीर ट्वीट करते हुए उनका भाजपा में स्वागत किया। तस्वीर में अक्षय विजयवर्गीय के साथ एक गाड़ी में बैठे दिख रहे हैं।
ट्विटर पोस्ट
विजयवर्गीय के साथ अक्षय की तस्वीर
इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी श्री अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda जी, मुख्यमंत्री @DrMohanYadav51 जी व प्रदेश अध्यक्ष श्री @vdsharmabjp जी के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है। pic.twitter.com/1isbdLXphb
— Kailash Vijayvargiya (Modi Ka Parivar) (@KailashOnline) April 29, 2024
मुकाबला
मौजूदा सांसद शंकर लालवानी से था अक्षय का मुकाबला
बता दें कि इंदौर सीट पर भाजपा ने शंकर लालवानी को मैदान में उतारा है, जो यहां से मौजूदा सांसद हैं।
सीट पर उनके और कांग्रेस के अक्षय कांति के बीच मुख्य मुकाबला था, जिनके नामांकन वापस लेने के बाद लालवानी की जीत लगभग तय हो गई है। हालांकि, कांग्रेस यहां से किसी अन्य उम्मीदवार को भी समर्थन दे सकती है।
इंदौर सीट पर लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 13 मई को मतदान होना है।
केस
हाल ही में अक्षय के खिलाफ खुला था 17 साल पुराना मामला
रिपोर्ट के अनुसार, अक्षय ने जिस दिन इंदौर सीट से नामांकन दाखिल किया था, उसी दिन मध्य प्रदेश पुलिस ने 17 साल पुराने एक केस में उनके खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा जोड़ी थी, जिसमें उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
अक्षय ने अपने शपथ पत्र में इसका जिक्र नहीं किया था, जिसे लेकर भाजपा ने उनका नामांकन रद्द करने की मांग की थी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने भाजपा की यह शिकायत खारिज कर दी थी।
सूरत
सूरत में क्या हुआ था?
कांग्रेस के 2 प्रत्याशियों के नामांकन रद्द होने और 8 अन्य उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने के बाद गुजरात की सूरत सीट पर भाजपा के प्रत्याशी मुकेश दलाल बिना एक भी वोट पड़े निर्विरोध जीत गए थे।
इसके बाद सीट से कांग्रेस के प्रमुख उम्मीदवार निलेश कुम्भानी भाजपा में शामिल हो गए थे, जिससे कयास लगाए गए कि उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर साजिश रची थी और जानबूझकर अपना नामांकन रद्द कराया था।