केरल में स्कूलों से जुड़ी 'पीएम श्री' योजना स्थगित, चोरी-छिपे अनुमति देने पर घिरे मुख्यमंत्री विजयन
क्या है खबर?
केरल में केंद्र सरकार की स्कूलों से जुड़ी 'पीएम श्री' योजना को लेकर राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया है। राज्य की सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार ने फिलहाल योजना के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी है। यह विवाद तब सामने आया, जब पता चला कि मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने बिना कैबिनेट को सूचित किए प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिसका विरोध हो रहा था। आइए, पूरा मामला जानते हैं।
विवाद
क्या है विवाद?
पीएम श्री (PM-SHRI) योजना केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का हिस्सा है, जो सरकारी स्कूलों को मॉडल संस्थानों में बदलने के लिए 14,500 करोड़ की फंडिंग देती है। पहले मुख्यमंत्री विजयन समेत LDF सरकार इसके विरोध में थी, लेकिन इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद विजयन ने इससे जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। CPI का कहना है कि पीएम श्री शिक्षा का 'सांप्रदायिकीकरण, केंद्रीकरण और व्यावसायीकरण' करने का एक प्रयास है।
नाराजगी
सरकार अब केंद्र को योजना में कुछ बदलाव को कहेगी
CPI के विरोध के बाद मामले की विस्तृत जांच के लिए 7 सदस्यी कैबिनेट उपसमिति का गठन किया गया है। उसकी रिपोर्ट आने तक योजना की कार्यवाही स्थगित रहेगी। इसके अलावा राज्य सरकार केंद्र को पत्र लिखकर योजना की शर्तों में ढील देने की मांग करेगी। सरकार कुछ प्रावधान को अस्वीकार्य बताते हुए उसे बदलने की मांग करेगी। मुख्यमंत्री विजयन ने शिक्षा विभाग को योजना में शामिल किए जाने वाले स्कूलों की सूची को अंतिम रूप से मना किया है।
मांग
CPI की मांग- समझौते को रद्द करे सरकार
CPI मंत्रियों ने बुधवार को इस मुद्दे को लेकर कैबिनेट बैठक का बहिष्कार किया और कैबिनेट सहयोगियों से परामर्श किए बिना पीएम श्री MoU पर हस्ताक्षर करने के फैसले का विरोध किया। CPI की मांग है कि सरकार आधिकारिक तौर पर इस समझौते को स्थगित करे और केंद्र को लिखित रूप से सूचित करे, और पत्र सार्वजनिक करे। हालांकि, अब केरल MoU पर हस्ताक्षर करके समझौते से पीछे नहीं हट सकता। ऐसा करने पर केंद्र उससे वसूली कर सकता है।
योजना
क्या है पीएम श्री योजना, केरल में क्यों है इसका इतना विरोध?
पीएम श्री योजना 2022 में केंद्र सरकार ने शुरू की है, जिसका उद्देश्य 14,500 सरकारी स्कूलों को NEP के तहत अपग्रेड करना है। इसमें केंद्र 60 प्रतिशत और राज्य 40 प्रतिशत फंडिंग करती है। योजना की शर्त है कि इसमें स्कूलों के आगे पीएम श्री जोड़ना होता है और NEP के बहुभाषी शिक्षा जैसे प्रावधान लागू करने होते हैं। यही एक शर्त है, जिसका केरल समेत पूरे दक्षिण भारत के राज्यों में विरोध हो रहा है।