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कर्नाटक में दलित-किसान कार्यकर्ताओं पर दर्ज 60 मामले वापस, डीके शिवकुमार के समर्थकों को भी राहत  
कर्नाटक में सिद्धारमैया की सरकार ने 60 आपराधिक मुकदमे वापस लिए (फाइल तस्वीर)

कर्नाटक में दलित-किसान कार्यकर्ताओं पर दर्ज 60 मामले वापस, डीके शिवकुमार के समर्थकों को भी राहत  

लेखन गजेंद्र
Sep 05, 2025
02:26 pm

क्या है खबर?

कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व में राज्य मंत्रिमंडल ने किसानों, दलितों, कन्नड़ समर्थकों और हिंदू समर्थकों समेत अन्य समूहों के खिलाफ दर्ज 60 आपराधिक मामले वापस ले लिए हैं। ये सभी मामले पूरे प्रदेश के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज किए गए थे। इसमें उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के समर्थकों के खिलाफ दर्ज 11 मामले भी शामिल है, जिन्हें 2019 में उनकी गिरफ्तारी के बाद हुए विरोध-प्रदर्शन के बाद दर्ज किया गया था।

राहत

डीके शिवकुमार से जुड़ा क्या है मामला?

उपमुख्यमंत्री शिवकुमार को सितंबर 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (JDS) के कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया था। उन्होंने कनकपुरा में बसों और सरकारी कार्यालयों पर पथराव किया और उनको क्षति पहुंचाई थी। तब रामनगर (अब बेंगलुरु दक्षिण) के कनकपुरा, साथनूर और कोडिहल्ली पुलिस थानों में इनके खिलाफ बिना अनुमति प्रदर्शन, निषेधाज्ञा का उल्लंघन और कर्नाटक राज्य परिवहन निगम की बसों को नुकसान पहुंचाने आरोप था।

आरोप

शिवकुमार के भाई से जुड़े मामले में भी आरोपियों को राहत

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ये मामले कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर और विधानसभा में सरकार के मुख्य सचेतक अशोक पट्टन की याचिकाओं के आधार पर वापस लिए गए हैं। इसके अलावा सिद्धारमैया सरकार ने उपमुख्यमंत्री के भाई डीके सुरेश के समर्थकों से जुड़े सरकारी अधिकारियों से झगड़े के 2012 के मामले में भी मुकदमा वापस ले लिया है। इसके अलावा राज्यव्यापी आंदोलन के दौरान किसान और दलित कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामले भी वापस लिए गए हैं।