
कर्नाटक के पूर्व मंत्री जनार्दन रेड्डी को अवैध खनन मामले में जमानत मिली, विधायकी बरकरार
क्या है खबर?
कर्नाटक के पूर्व मंत्री और पूर्व भाजपा नेता गली जर्नादन रेड्डी को तेलंगाना हाई कोर्ट से राहत मिल गई है। कोर्ट ने ओबुलापुरम अवैध खनन मामले में उनको जमानत दे दी है।
कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दी गई 7 साल की सजा और दोष सिद्धि को भी निलंबित कर दिया है।
हाई कोर्ट के फैसले से उनकी अयोग्यता का आदेश भी रद्द हो गया है। वे गंगावथी से विधायक बने रह सकते हैं।
मामला
अगस्त 2025 में होगी अंतिम सुनवाई
हैदराबाद की विशेष CBI कोर्ट ने 6 मई को रेड्डी, उनके साले बीवी श्रीनिवास रेड्डी, तत्कालीन खनन निदेशक वीडी राजगोपाल, निजी सहायक मेहफुज अली खान को 7 साल की सजा और 10,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी और रेड्डी की कंपनी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
फैसले के बाद रेड्डी को हिरासत में लिया गया और उनकी गंगावथी सीट अयोग्य घोषित कर दी गई।
इसके बाद रेड्डी और अन्य ने जमानत याचिका दायर की थी।
मामला
क्या है अवैध खनन का मामला?
रेड्डी और अन्य पर आरोप है कि उनकी कंपनी ओबुलापुरम माइनिंग कंपनी ने कर्नाटक-आंध्र प्रदेश सीमा पर बल्लारी रिजर्व वन क्षेत्र में अवैध लौह अयस्क खनन किया, जिससे सरकारी खजाने को 884 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
2009 में CBI ने उनके खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया।
CBI ने सितंबर 2011 को उनको गिरफ्तार किया। हालांकि, जनवरी 2015 में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई।
6 मई, 2025 को CBI कोर्ट ने उन्हें दोषी पाया।
जानकारी
क्या है रेड्डी का राजनीतिक करियर?
जनार्दन रेड्डी ने 2008 में पहली बार कर्नाटक में भाजपा सरकार बनाने में काफी सहयोग किया। हालांकि, 2011 के खनन घोटाले के बाद भाजपा ने उनसे दूरी बना ली। उन्होंने 2022 में कल्याण राज्य प्रगति पक्ष (KRPP) बनाया और 2023 में गंगावथी से विधायक बने।