कानपुर: पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट करने के आरोप में भाजपा नेता गिरफ्तार
कानपुर पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता को पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। कुछ दिन पहले भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा के एक टीवी डिबेट में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के कारण कानपुर शहर में हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा के बाद आरोपी भाजपा नेता ने आपत्तिजनक ट्वीट किया था। गिरफ्तारी के बाद उसके ट्वीट को हटा दिया गया है।
आपत्तिजनक पोस्ट के कारण की गई गिरफ्तारी
गिरफ्तार नेता हर्षित श्रीवास्तव भाजपा की यूथ विंग और छात्र परिषद के सदस्य हैं। कानपुर के पुलिस अधिकारी विजय सिंह मीणा ने बताया कि श्रीवास्तव की पोस्ट आपत्तिजनक थी, इसलिए पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने कहा, "सरकार की नीति बहुत स्पष्ट है। अगर कोई सांप्रदायिक उन्माद भड़काने या सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ निष्पक्ष और सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
अपने नेताओं की विवादित टिप्पणियों के कारण आलोचनाओं के केंद्र में है भाजपा
बता दें कि भाजपा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपने नेताओं के बयानों के कारण पहले से ही आलोचनाओं के केंद्र में है। पार्टी प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने 27 मई को एक न्यूज चैनल पर बहस के दौरान पैंगबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी। वहीं नवीन कुमार जिंदल ने सोशल मीडिया पर पैगंबर के खिलाफ विवादित पोस्ट की थी। उनकी यह टिप्पणियां अरब देशों में सोशल मीडिया पर सबसे बड़ा मुद्दा बनी हुई हैं।
दोनों नेताओं पर कार्रवाई कर चुकी है भाजपा, स्पष्टीकरण भी किया जारी
भाजपा मामले में नुपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित और जिंदल को निष्कासित कर चुकी है, हालांकि इसके बाद भी ये विवाद थमा नहीं है। भाजपा अपने स्तर पर भी एक लंबा बयान जारी कर चुकी है। इसमें उसने कहा था कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धार्मिक प्रतीक के अपमान की कड़ी निंदा करती है। पार्टी के अनुसार, किसी भी संप्रदाय या धर्म का अपमान उसकी विचारधारा के खिलाफ है।
भारत सरकार ने क्या प्रतिक्रिया दी है?
बता दें कि नुपुर शर्मा के बयान के कारण भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, विशेषकर अरब देशों में, शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है। ईरान, इराक, कुवैत, कतर, ओमान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन, अफगानिस्तान, बहरीन, मालदीव, लिबिया, पाकिस्तान और इंडोनेशिया समेत 15 से अधिक देश विवादित बयान पर अपना आधिकारिक विरोध दर्ज करवा चुके हैं। कतर, कुवैत, ईरान और ओमान तो मामले में भारतीय राजदूतों को तलब तक कर चुके हैं।