झारखंड चुनाव: हिमंत बिस्वा के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंचा INDIA गठबंधन, कार्रवाई की मांग की
झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर हैं। इसी बीच भाजपा के झारखंड सहप्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। INDIA गठबंधन ने इस मामले में चुनाव आयोग से शिकायत कर मुख्यमंत्री सरमा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। INDIA गठबंधन का आरोप है कि मुख्यमंत्री सरमा ने चुनावी रैली में कथित तौर पर भड़काऊ और विभाजनकारी भाषण देकर लोगों का भड़काने काम किया है।
INDIA गठबंधन ने क्या लगाए आरोप?
INDIA गठबंधन के नेताओं ने रविवार को रांची में झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रवि कुमार से मुलाकात कर मुख्यमंत्री सरमा के खिलाफ शिकायत पत्र सौंपा। पत्र में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सरमा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, "वो लोग एक जगह वोट डालते हैं, लेकिन हमारा हिंदू आधा वोट इधर डालेगा और आधा उधर। ये सरकार घुसपैठिया को बुलाती है क्योंकि वह उनको वोट देते हैं। यह चुनाव हिंदुओं की रक्षा के लिए लड़ा जा रहा है।"
मुख्यमंत्री सरमा पर लगाया 'गृह युद्ध' जैसी स्थिति लाने का आरोप
विपक्षी नेताओं का तर्क है कि इन टिप्पणियों का उद्देश्य हिंसा भड़काना तथा विधानसभा चुनावों के दौरान गृह युद्ध जैसी स्थिति पैदा करना है। उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री सरमा के भाषणों का उद्देश्य एक विशेष धार्मिक अल्पसंख्यक को घुसपैठिया बताकर अपनी पार्टी के लिए वोटों का ध्रुवीकरण करना है। INDIA गठबंधन ने सरमा के साक्षात्कार का एक वीडियो भी संलग्न किया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर विभाजनकारी भाषा का इस्तेमाल किया था।
मुख्यमंत्री सरमा ने किया अपने बयान का बचाव
आरोपों के बीच मुख्यमंत्री सरमा ने INDIA गठबंधन के नेताओं के आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने पूछा कि घुसपैठियों के बारे में बोलने पर उनके खिलाफ शिकायत क्यों दर्ज कराई गई। उन्होंने कहा, "हिंदुओं के बारे में बात करने का मतलब मुसलमानों को निशाना बनाना नहीं है। मैं तो मुसलमान शब्द भी नहीं बोलता।" उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हिंदुओं की सुरक्षा के बारे में बात करना अच्छी बात है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
INDIA गठबंधन ने दी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
INDIA गठबंधन के नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर आयोग 24 घंटे के भीतर कोई कार्रवाई नहीं करता है तो वह मामले को कोर्ट में ले जाएंगे। उनका तर्क है कि इस तरह की बयानबाजी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर करती है तथा घृणा फैलाने वाले भाषण के विरुद्ध संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन करती है। इस बीच, बहुजन समाज पार्टी नेता कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने भी सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के आरोप में सरमा के खिलाफ अगल शिकायत दर्ज कराई है।