अनुच्छेद 370 पर फैसला: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने नेताओं को नजरबंद करने की खबरें खारिज कीं
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बीच जम्मू-कश्मीर के नेताओं को नजरबंद करने की खबरों को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने खारिज किया है। उन्होंने कहा, "ये पूरी तरह निराधार है। जम्मू-कश्मीर में न किसी को नजरबंद किया गया और न किसी की गिरफ्तारी हुई है। यह अफवाह फैलाने की कोशिश है। मैं बड़ी जिम्मेदारी से कह रहा हूं। पूरे जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक कारणों से किसी को गिरफ्तार और नजरबंद नहीं किया गया है।"
क्या है मामला?
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस ने जम्मू-कश्मीर के 2 पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला समेत कई वरिष्ठ नेताओं को नजरबंद किया है, जिसमें हुर्रियत अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक भी शामिल हैं। अखबार ने दावा किया कि मुफ्ती ने उसे बताया कि उनको घर में नजरबंद किया गया है और उनके आवास के सभी गेट बंद कर दिए गए हैं। इस बीच श्रीनगर पुलिस ने ट्वीट कर कहा कि किसी व्यक्ति को नजरबंद नहीं किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को वैध ठहराया
सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को वैध ठहराया। मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली 5 न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने ये फैसला सुनाया। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को एक राष्ट्रपति आदेश के जरिए अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिलने वाले विशेष दर्जे को खत्म कर दिया था। इसके अलावा राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था।