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भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में दिलचस्प बातें जानिए
द्रौपदी मुर्मू के बारे में दिलचस्प बातें

भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में दिलचस्प बातें जानिए

लेखन गौतम भगत
Jul 21, 2022
08:33 pm

क्या है खबर?

विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराकर द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीतने वालीं मुर्मू 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी। ओडिशा सरकार में क्लर्क की नौकरी से करियर शुरू करने वालीं मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी रही हैं। आइए उनके निजी जीवन और राजनीतिक करियर से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।

परिचय

आदिवासी संथाल जनजाति से आती हैं द्रौपदी मुर्मू

द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले में 20 जून, 1958 को संथाल जनजाति में हुआ था और उनके पिता बिरंची नारायण टुडू जिले के बालदापोसी गांव के एक किसान थे। उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से की थी। इसके बाद उन्होंने श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च रायरंगपुर में सहायक प्रोफेसर के रुप में काम करना शुरू किया। यहां उनकी पहचान एक मेहनती शिक्षक के तौर पर थी।

हादसा

हादसे में हो गई पति और दोनों बेटों की मौत

मुर्मू ओडिशा के सिंचाई विभाग में जूनियर सहायक के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। मुर्मू की शादी श्याम चरण मुर्मू से हुई थी और उनके दो बेटे और एक बेटी थी, लेकिन कुछ समय बाद ही एक हादसे में उन्होंने अपने पति को खो दिया। इसके बाद अलग-अलग हादसों में उनके दोनों बेटों की भी मौत हो गई। उनकी बेटी इतिश्री रांची में रहती हैं और उन्होंने झारखंड के गणेश हेम्ब्रम से शादी की है।

राजनीतिक जीवन

पहली बार में ही जीता विधानसभा चुनाव

मुर्मू ने 1997 में भाजपा में शामिल होकर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की। ओडिशा के रायरंगपुर जिले में आदिवासियों के लिए आरक्षित सीट पर वो 1997 में पहली बार पार्षद चुनी गईं। मुर्मू ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2000 में रायरंगपुर से जीता और राज्य सरकार में वाणिज्य और परिवहन मंत्रालय संभाले। तब राज्य में बीजू जनता दल और भाजपा के गठबंधन की सरकार थी। इसके बाद वो लगातार सफलता की सीढियां चढ़ती गईं।

राजनीतिक सफर

देश की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल रही हैं मुर्मू

2000 में ही मुर्मू को परिवहन विभाग से हटा कर मत्स्य पालन और पशुपालन विभाग दिया गया और भाजपा ने उन्हें अपना जिला अध्यक्ष बनाया। 2009 में उन्होंने फिर से रायरंगपुर विधानसभा से चुनाव जीता था। 2010 में दूसरी बार और 2013 में तीसरी बार मुर्मू को भाजपा ने अपना जिला अध्यक्ष बनाया। 2015 में द्रौपदी मुर्मू को झारखंड का राज्यपाल बनाया गया। वह देश की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल थीं।

राज्यपाल का कार्यकाल

लोक अदालत का आयोजन कर किया 5000 मामलों का निपटारा

मुर्मू ने राज्यपाल के अपने कार्यकाल के दौरान कई बार राज्य सरकार के फैसलों पर सवाल उठाए, लेकिन हमेशा संवैधानिक गरिमा और शालीनता का ध्यान रखा। उन्होंने अपने कार्यकाल में उच्च शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर लोक अदालतों का आयोजन करके शिक्षकों और विश्वविद्यालयों से जुड़े लगभग 5,000 मामलों को सुलझाया। उन्होंने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में नामांकन की प्रक्रिया को केंद्रीकृत करने के लिए चांसलर पोर्टल भी बनवाया था।