मनरेगा की जगह केंद्र सरकार ला रही 'जी राम जी' योजना, ये कितनी अलग है?
क्या है खबर?
कांग्रेस की महत्वपूर्ण योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) यानी मनरेगा अब नहीं रहेगी। केंद्र सरकार उसकी जगह 'जी राम जी' नाम से नई योजना लागू करने जा रही है। इसके लिए संसद में नया विधेयक पेश किया जाना है। नए विधेयक का नाम 'विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका (ग्रामीण) मिशन' है, जिसे संक्षेप में VB G RAM G कहा गया है। जी राम जी योजना मनरेगा से कितनी अलग है? आइए, जानते हैं।
विधेयक
क्या इसी सत्र में पास होगा विधेयक?
विधेयक पारित कराने के लिए भाजपा ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है। विधेयक से जुड़ी प्रतियां लोकसभा सदस्यों को वितरित कर दी गई हैं। केंद्र सरकार के मुताबिक, नया विधेयक विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को पूरा करने के उद्देश्य से नया ढांचा पेश करता है। बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में सरकार इस सत्र में इसे पास कराकर इसे संसदीय समिति के पास भेज सकती है।
प्रावधान
मनरेगा से कितना अलग है जी राम जी योजना?
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय 2005 में मनरेगा योजना शुरू की गई थी, जो ग्रामीण क्षेत्रों में 100 दिनों के काम की गारंटी देती है। नए विधेयक में 100 दिनों की गारंटी को बढ़ाकर 125 दिन करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसमें काम पूरा होने पर 15 दिन के अंदर भुगतान और भुगतान समय पर न होने पर बेरोजगारी भत्ते का प्रावधान है। मसौदा विधेयक के मुताबिक, इसका उद्देश्य सशक्तिकरण, विकास, एकीकरण और संतृप्ति को बढ़ावा देना है।
योजना
क्या है मनरेगा योजना?
मनरेगा को कांग्रेस अपने समय की सबसे महत्वपूर्ण और ग्रामीणों का जीवन बदलने वाली योजना मानती है। इसे 2005 में 2 अक्टूबर पर गांधी जयंती से लागू किया गया था। पहले इसका नाम राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानी नरेगा था, लेकिन 2009 में इसमें महात्मा गांधी जोड़कर मनरेगा किया गया। विश्व बैंक ने 2014 में इस योजना की तारीफ की थी और ग्रामीण विकास का उत्कृष्ठ उदाहरण बताया था। यह 7 करोड़ जॉब कार्ड धारकों को लाभ देती है।