नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी माने जाने वाले आरसीपी सिंह ने थामा भाजपा का हाथ
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के पूर्व अध्यक्ष और कभी नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी माने जाने वाले रामचंद्र प्रसाद (आरसीपी) सिंह आज भाजपा में शामिल हो गए। दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली। बता दें कि आरसीपी सिंह ने पिछले साल अगस्त में JDU से इस्तीफा दे दिया था और तब से ही वे पार्टी पर हमलावर थे। बीते कई महीनों से कयास लगाए जा रहे थे कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
इस्तीफे के वक्त JDU को बताया था डूबता जहाज
आरसीपी सिंह ने इस्तीफा देते वक्त नीतीश और JDU पर खूब निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि नीतीश एक जन्म में क्या 7 जन्म में कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे। उन्होंने कहा था, "JDU डूबता हुआ जहाज है। हमारे लोग पार्टी को छोड़ेंगे और नैया डूब जाएगी। जानबूझकर मेरी इमेज को लक्ष्य बनाया गया है। वर्षों से लोग मेरे पीछे पड़े हैं। मैं जमीन का आदमी हूं। मेरे पास सभी विकल्प खुले हुए हैं।''
राज्यसभा नहीं भेजे जाने से नाराज थे आरसीपी सिंह
सिंह को JDU ने 2010 में पहली बार राज्यसभा भेजा था। इसके बाद उन्हें एक बार और राज्यसभा भेजा गया। बाद में उनकी भाजपा से नजदीकी बढ़ी तो पार्टी ने उन्हें इस्पात मंत्री बना दिया गया। पिछले साल JDU ने सिंह की जगह खीरू महतो को राज्यसभा भेज दिया था। इसके बाद सिंह किसी भी सदन के सदस्य नहीं रह गए थे और उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा था।
JDU ने लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप
JDU ने सिंह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उनसे जवाब मांगा था। पार्टी ने आरोप लगाया था कि 2013 से 2022 के दौरान सिंह और उनके परिवार वालों ने नालंदा जिले में करीब 40 बीघा जमीन खरीदी थी। पार्टी ने कहा था कि पिछले कुछ वर्षों में सिंह की संपत्ति में वृद्धि हुई है और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके बाद सिंह ने सादे कागज पर इस्तीफा दे दिया था।
कौन हैं आरसीपी सिंह?
6 जुलाई, 1958 को बिहार के नालंदा में जन्मे आरसीपी सिंह उत्तर प्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी रहे हैं। वे JDU के अध्यक्ष भी रहे हैं और पार्टी ने उन्हें 2 बार राज्यसभा भी भेजा। वे केंद्र में इस्पात मंत्री भी रह चुके हैं। बताया जाता है कि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर काम करते हुए वे नीतीश के संपर्क में आए। 2010 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर JDU का दामन थाम लिया था।