
चुनाव आयोग का दिल्ली चुनाव के समय नाम कटवाने वाले फर्जी आवेदकों से हुआ था सामना
क्या है खबर?
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को 'वोट चोरी' के मामले में जो मतदाताओं के नाम कटवाने का मुद्दा उठाया है, उसका सामना चुनाव आयोग से हो चुका है। दरअसल, आम आदमी पार्टी (AAP) ने दावा किया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले जनवरी 2025 में चुनाव आयोग पर दबाव डालकर वोट काटने का आवेदन करने वालों का सत्यापन को कहा गया था। जब आयोग ने उनको बुलाया तो सारे आवेदन फर्जी निकले थे।
दावा
मतदाताओं के नाम कटवाने वाले सभी आवेदकों ने किया था इंकार
AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने इस संबंध में जनवरी में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसे आज दोबारा AAP प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने साझा किया। इसमें चड्ढा बता रहे थे कि नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में 2-3 और 4 जनवरी को आयोग ने सुनवाई कर वोट काटने का आवेदन करने वाले 11 लोगों को बुलाया था। तब सभी 11 लोगों ने आयोग के सामने इंकार किया था कि उन्होंने किसी मतदाता का नाम काटने का आवेदन नहीं किया है।
इंकार
फर्जी आवेदकों ने सैंकड़ों लोगों के वोट काटने का आवेदन किया था
चड्ढा ने बताया कि सभी ने आयोग के सामने कहा था कि उनके नाम का गलत इस्तेमाल हुआ है। उन्होंने न फॉर्म भरा, न हस्ताक्षर किए थे। खान मार्केट निवासी तरुण कुमार चौटाला के नाम से 108, गोल मार्केट निवासी उषा देवी के नाम से 22, लक्ष्मीनगर निवासी राजकुमार के नाम से 88, कांकरनगर निवासी ममता नाम से 60, पेशवा रोड निवासी ज्योति नाम से 125 और रुचि तिवारी नाम से 25 लोगों के नाम काटने के आवेदन आए थे।
ट्विटर पोस्ट
AAP ने साझा किया वीडियो
06 जनवरी 2025 - चुनाव आयोग पर दबाव डाला गया कि वोट काटने की एप्लीकेशन डालने वालों को आप अपने दफ्तर में बुलाकर वेरीफाई करो ।
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) September 18, 2025
जब उनको बुलाया गया तो पता चला सारी एप्लीकेशन फर्जी निकली । ये साफ़ है कि ये लोग संगठित गिरोह की तरह वोट चोरी करते हैं । pic.twitter.com/uBEZGVjGQR
जानकारी
सभी आवेदकों के वोटर-ID संख्या का हुआ गलत इस्तेमाल
चड्ढा ने कहा कि ये सिर्फ 11 लोग नहीं थे, बल्कि कई लोग थे जिनके नाम का गलत इस्तेमाल हुआ, पहचान पत्र चुराया गया, नाम-पता और वोटर-ID संख्या का गलत इस्तेमाल करके न जाने कितने लोगों के वोट काटने के फर्जी आवेदन किए गए थे।
सवाल
राहुल गांधी ने क्या उठाया सवाल?
राहुल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीधे तौर पर मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार पर लोकतंत्र पर हमला करने वालों की रक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कर्नाटक के अलंद विधानसभा सीट का का उदाहरण देते हुए कहा कि 6,018 वोट डिलीट किए गए हैं, लेकिन इसकी जानकारी खुद प्रभावित मतदाताओं को नहीं है। उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक CID ने वोट डिलीट मामले की जांच के लिए CEC को 18 पत्र लिखे, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली।
जानकारी
चुनाव आयोग ने कहा- बिना अनुमति किसी का नाम नहीं कटता
चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को गलत और निराधार बताते हुए जवाब दिया कि किसी भी वोट को किसी भी सदस्य द्वारा ऑनलाइन नहीं हटाया जा सकता। प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का अवसर दिए बिना कोई भी विलोपन नहीं किया जा सकता।