दिल्ली दंगा मामले में कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा को राहत, नई जांच के आदेश रद्द
क्या है खबर?
दिल्ली के कानून मंत्री कपिल मिश्रा को सोमवार को स्थानीय कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें 2020 के दिल्ली दंगों के मामले में उनकी कथित भूमिका की आगे जांच का निर्देश दिया गया था। कोर्ट के विशेष न्यायाधीश दिग विनय सिंह ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) वैभव चौरसिया के 1 अप्रैल, 2025 के आदेश को रद्द किया है।
दलील
दिल्ली पुलिस ने क्या दी थी दलील?
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा कि विवादित आदेश को रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि ACJM ने मामले में आगे की जांच का निर्देश देने में गलती की है। कोर्ट में बताया गया कि दंगों में बड़ी साजिश का आरोप लगाने वाले UAPA मामले के लंबित होने के बारे में जानकारी होने के बावजूद ACJM ने जांच का निर्देश देकर विशेष कोर्ट के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण किया है। दिल्ली पुलिस ने भाजपा नेता को निर्दोष बताया था।
फैसला
मोहम्मद इलियास की याचिका पर मजिस्ट्रेट ने दिया था आदेश
ACJM ने यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास की ओर से दायर याचिका पर भाजपा नेता मिश्रा के खिलाफ नए सिरे से जांच के आदेश पारित किए थे। इलियास ने दंगों में शामिल होने के आरोपों पर मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी। उनका दावा था कि उन्होंने दंगों के दौरान मिश्रा और अन्य लोगों को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कर्दमपुरी में एक सड़क को अवरुद्ध करते और विक्रेताओं के ठेलों को नष्ट करते देखा था।
दंगा
दंगे में गई थी 53 लोगों की जान
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में CAA को लेकर 24 से 26 फरवरी, 2020 के बीच लगातार 3 दिन दंगे हुए थे। इनमें 53 लोगों की मौत हुई थी, जबकि लगभग 500 घायल हुए थे। मरने वालों में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल भी शामिल थे। इस दौरान संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ था और दंगाइयों ने घरों, दुकानों और वाहनों समेत जो भी आगे आया, उसमें आग लगा दी। एक पेट्रोल पंप को भी आग लगाई थी।