लगभग ढाई दशक बाद कांग्रेस को मिलेगा पहला गैर-गांधी अध्यक्ष, मतगणना शुरू
देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस को आज नया अध्यक्ष मिलने जा रहा है। सोमवार को अध्यक्ष पद के लिए हुए मतदान के नतीजों का आज ऐलान कर दिया जाएगा। इसके लिए दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में मतगणना शुरू हो गई है और अनुमान लगाया जा रहा है कि दोपहर तक नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो जाएगा। वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर ने कांग्रेस के शीर्ष पद के लिए चुनाव लड़ा था।
खड़गे को माना जा रहा 'अनाधिकारिक आधिकारिक उम्मीदवार'
कर्नाटक से आने वाले खड़गे को गांधी परिवार का 'अनाधिकारिक आधिकारिक उम्मीदवार' माना जा रहा है और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनका समर्थन किया है। दूसरी तरफ शशि थरूर ने खुद को बदलाव के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया है। हालांकि, प्रचार के दौरान उन्हें प्रदेश इकाइयों में खड़गे जैसा स्वागत नहीं मिला था। थरूर ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि उन्हें खड़गे के मुकाबले कम तरजीह मिल रही है।
चुनाव में 9,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने डाला वोट
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी के 9,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने देशभर में 67 बूथ स्टेशनों पर वोट डाला। प्रतिनिधियों को QR कोड वाले विशेष पहचान पत्र दिए गए थे और जिन प्रतिनिधियों के पास ये पहचान पत्र थे, उन्हें ही वोट डालने दिया गया। भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा ले रहे प्रतिनिधियों के वोट डालने के लिए कर्नाटक के बेल्लारी में विशेष बूथ स्टेशन बनाया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम वोट डालने वाले पहले प्रतिनिधि रहे।
लगभग तय है खड़गे का अगला कांग्रेस अध्यक्ष बनना
80 वर्षीय खड़गे का कांग्रेस का अगला अध्यक्ष बनना लगभग तय है। उन्हें गांधी परिवार का समर्थन हासिल है, जिसकी मदद से वह आसानी से जीत जाएंगे। इसके अलावा उनके नामांकन का समर्थन करने वाले नेताओं में भूपेंद्र हुड्डा, दिग्विजय सिंह, पृथ्वीराज चौहान, एके एंटनी और अजय माकन जैसे नेता शामिल हैं। थरूर को किसी बड़े नेता का समर्थन हासिल नहीं है और उन्होंने पार्टी की मौजूदा स्थिति से नाखुश कांग्रेसियों को लुभाने की कोशिश की है।
लगभग 25 साल बाद कांग्रेस को मिलेगा कोई गैर-गांधी अध्यक्ष
पिछले 25 सालों में ये पहली बार होगा जब कांग्रेस को कोई गैर-गांधी अध्यक्ष मिलेगा। इस दौरान केवल सोनिया गांधी और राहुल गांधी ही पार्टी के अध्यक्ष रहे। सोनिया के नाम सबसे अधिक समय तक पार्टी का अध्यक्ष रहने का रिकॉर्ड है।
1939 में पहली बार हुआ था चुनाव
1939 में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए महात्मा गांधी समर्थित पी सीतारमैय्या और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बीच मुकाबला हुआ था। इसमें नेताजी ने बाजी मारी थी। इसके बाद 1950 में पुरुषोतम दास टंडन और आचार्य कृपलानी ने अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा। इसमें सरदार पटेल के करीबी माने जाने वाले टंडन ने नेहरू समर्थित उम्मीदवार कृपलानी को हरा दिया था। 1977 में करण सिंह और सिद्धार्थ शंकर रे को हराकर केसु ब्रह्मनंदा रेड्डी अध्यक्ष चुने गए।
1997 में सीताराम केसरी बने अध्यक्ष
1977 के बाद 1997 में कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ, जिसमें सीताराम केसरी ने शरद पवार और राजेश पायलट को हराकर बाजी मारी। इसके तीन साल बाद 2000 में जीतेंद्र प्रसाद ने सोनिया गांधी के सामने अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में सोनिया गांधी को 7,400 वोट मिले, जबकि प्रसाद को महज 94 वोटों से संतोष करना पड़ा। उसके बाद से आज तक गांधी परिवार के पास ही कांग्रेस की कमान रही है।