गुजरात: सूरत सीट पर भाजपा की निर्विरोध जीत, कांग्रेस प्रत्याशियों का नामांकन हुआ रद्द
क्या है खबर?
गुजरात की सूरत लोकसभा सीट पर मतदान से पहले ही भाजपा की जीत तय हो गई है। यहां से भाजपा के उम्मीदवार मुकेश दलाल निर्विरोध चुनाव जीत गए हैं।
इस सीट पर रविवार को कांग्रेस के 2 उम्मीदवारों का नामांकन रद्द होने के बाद बाकी बचे 8 अन्य उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया, जिसमें बहुजन समाज पार्टी (BSP) के उम्मीदवार प्यारेलाल भारतीय भी शामिल हैं।
जिलाधिकारी की आधिकारिक घोषणा के बाद दलाल की जीत पक्की हो जाएगी।
चुनाव
कैसे रद्द हुआ कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन?
कांग्रेस ने सूरत से निलेश कुम्भानी को उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने नामांकन के समय 3 प्रस्तावकों के नाम दिए थे, जिसमें उनके बहनोई जगदीश सावलिया, भांजे ध्रुविन धामेलिया और एक सहयोगी रमेश पोलरा का नाम शामिल था।
तीनों ने रविवार को चुनाव अधिकारी के सामने हलफमाना पेश कर कहा कि कुम्भानी के नामांकन पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। इसके बाद से तीनों गायब हैं।
चुनाव अधिकारी ने कुम्भानी को प्रस्तावकों को पेश करने का एक दिन का समय दिया था।
नामांकन
कांग्रेस ने लगाया प्रस्तावकों के अपहरण का आरोप
सोमवार को कुम्भानी अपने वकील के साथ चुनाव अधिकारी के समक्ष पहुंचे, लेकिन वहां कोई प्रस्तावक नहीं आया, जिससे उनका नामांकन पत्र रद्द कर दिया गया।
कांग्रेस नेता बाबू मांगुकिया ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की धमकी के कारण सब डरे हुए हैं और प्रस्तावकों का अपहरण किया गया है। उन्होंने कहा कि हस्ताक्षर मिलाए बिना नामांकन रद्द करना गलत है और रिटर्निंग अधिकारी को उनके अपहरण की जांच करनी चाहिए।
अन्य उम्मीदवार
कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार का क्या हुआ?
कुम्भानी का नामांकन रद्द होने जैसी स्थिति के लिए ही कांग्रेस ने सूरत सीट पर सुरेश पडसाला को वैकल्पिक उम्मीदवार बनाया हुआ था।
कांग्रेस का दावा है कि कुम्भानी जैसे ही कारण बताकर पडसाला का नामांकन भी रद्द कर दिया गया।
इसके बाद अन्य पार्टियों के और निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया, जिसके बाद सीट पर केवल भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल बचे और निर्विरोध जीत गए।
आरोप
कांग्रेस बोली- भाजपा डरी, लोकतंत्र भयंकर खतरे में
कांग्रेस के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने भाजपा पर बड़ा बोलते हुए कहा कि लोकतंत्र खतरे में है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अन्याय काल में कारोबारियों के गुस्से से भाजपा इतनी बुरी तरह डर गई है कि लोकसभा चुनाव को फिक्स करने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा, 'हमारे चुनाव, हमारा लोकतंत्र, बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान, सब कुछ भयंकर खतरे में हैं। मैं दोहरा रहा हूं, यह हमारे जीवनकाल का सबसे महत्वपूर्ण चुनाव है!'
लोकसभा चुनाव
गुजरात में 7 मई को होना है मतदान
बता दें कि गुजरात में 26 लोकसभा सीटें हैं, जिन पर एक साथ 7 मई को तीसरे चरण के दौरान मतदान होगा।
2014 और 2019 में राज्य की सभी 26 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी और कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।
सूरत सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है और वह 1984 से इस सीट पर लोकसभा चुनाव जीतती हुई आ रही है।