संचार साथी ऐप में यूजर फीडबैक के आधार पर होगा बदलाव, सरकार ने लोकसभा में बताया
क्या है खबर?
स्मार्टफोन में संचार साथी ऐप इंस्टॉल करने को लेकर हर तरह बहस छिड़ी हुई है। जहां एक तरफ इसे फायदेमंद बताया जा रहा तो दूसरी तरफ कुछ इसे सरकार की निगरानी का माध्यम बता रहे हैं। अब केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार (3 दिसंबर) को लोकसभा में कहा, "हम यूजर्स से मिले फीडबैक के आधार पर इसमें बदलाव करेंगे।" उन्होंने यह भी बताया कि ऐप की वजह से देश में 1.5 करोड़ फर्जी मोबाइल कनेक्शन काटे गए हैं।
साइबर हमला
साइबर हमले की संभावना पर क्या कहा?
साइबर हमले (स्पूफिंग) के संभावित खतरे के दावों को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "संचार साथी एक ऐसा ऐप है, जो भारतीयों को धोखाधड़ी, चोरी हुए फोन से खुद को सुरक्षित रखने में सक्षम बनाता है और वे अपने चोरी हुए फोन की रिपोर्ट कर सकते हैं और रिकॉर्ड कर सकते हैं।" उन्होंने कहा कि पोर्टल को 20 करोड़ हिट्स मिले हैं, जो सरकार की ओर से बनाए गए ऐप की सफलता का प्रमाण है।
फायदा
ऐप से अब तक ये हुए फायदे
उन्होंने लोकसभा को बताया कि ऐप ने 26 लाख चोरी हुए हैंडसेट्स का पता लगाने में मदद की, 7 लाख चोरी हुए हैंडसेट उनके मालिकों को वापस कर दिए गए। सिंधिया ने यह भी बताया कि मंत्रालय ने लगभग 6 लाख धोखाधड़ी के मामलों को ब्लॉक भी किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन्हीं आंकड़ों के आधार पर सरकार ने भारतीय लोगों को संचार साथी ऐप इस्तेमाल करने का विकल्प देने का फैसला किया है।
विकल्प
विकल्प के तौर पर मिलेगी ऐप
केंद्र सरकार ने निर्माताओं को भारत में बिकने वाले सभी स्मार्टफोन में पहले से संचार साथी ऐप इंस्टॉल करने का निर्देश दिए था, जिसे बंद या डिलीट नहीं किया जा सके। इसके बाद हर तरफ इसको लेकर विरोध शुरू हुआ तो केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि यूजर्स यह तय कर सकते हैं कि ऐप को एक्टिव करना है या हटा देना है। उन्होंने बताया कि जब तक यूजर पंजीकरण नहीं कराता, यह ऐप इनएक्टिव रहती है।