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अरविंद केजरीवाल न तो मंत्री और न सांसद, तो उन्हें क्यों मिला सरकारी बंगला? 
अरविंद केजरीवाल को लोधी एस्टेट में बंगला आवंटित किया गया

अरविंद केजरीवाल न तो मंत्री और न सांसद, तो उन्हें क्यों मिला सरकारी बंगला? 

लेखन गजेंद्र
Oct 07, 2025
10:28 am

क्या है खबर?

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को आखिरकार सरकारी आवास मिल गया। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, केंद्र सरकार ने उनको 95, लोधी एस्टेट में 5 कमरों वाला टाइप-VII बंगला आवंटित किया है, जो सरकारी आवास की दूसरी सबसे बड़ी श्रेणी है। बंगले के लिए AAP नेता ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था, जिसमें उनको जीत मिली। केंद्र ने 25 सितंबर को कोर्ट को आवास आवंटित करने की बात कही थी।

आधार

न मंत्री न सांसद, तो क्यों मिला बंगला?

केजरीवाल न मंत्री हैं और न सांसद हैं, लेकिन उन्हें सरकारी बंगला एक राष्ट्रीय पार्टी के संयोजक होने के नाते मिला है। संपदा निदेशालय की जुलाई 2014 की नीति के अनुसार, राष्ट्रीय दलों के अध्यक्ष-संयोजक आवास के लिए पात्र हैं। पिछले साल सितंबर में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल ने सिविल लाइंस में 6 फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगला छोड़ दिया था। तब से वे राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल के सरकारी आवास में हैं।

कोर्ट

केजरीवाल को बंगले के लिए कोर्ट क्यों जाना पड़ा?

सरकारी नियम में जब पार्टी के संयोजक को बंगला आवंटित किया जा सकता है, तो केजरीवाल कोर्ट क्यों गए थे? दरअसल, संपदा निदेशालय की नीति में आवास का उल्लेख है, लेकिन आवास के प्रकार की कोई जानकारी नहीं है। इसी को आधार बनाकर उनको टाइप-VII से नीचे का बंगला आवंटित किया जा रहा था, जिसे वे स्वीकार नहीं कर रहे थे और कोर्ट चले गए। सरकार ने 25 सितंबर को कहा कि वे 10 दिन में बंगला आवंटित करेंगे।

तर्क

केजरीवाल ने मायावती को दिया उदाहरण

केजरीवाल के वकील ने हाई कोर्ट में तर्क दिया था कि पारंपरिक रूप से टाइप-VII बंगले राष्ट्रीय दलों के अध्यक्षों को आवंटित किए जाते हैं, जबकि उनको टाइप-VI बंगला दिया जा रहा है। केजरीवाल के अधिवक्ता राहुल मेहरा ने दलील दी, "मैं आपका पसंदीदा व्यक्ति नहीं हूं, आपके लिए BSP नहीं हूं...लेकिन कृपया अपनी नीति में निष्पक्ष रहें।" उनका इशारा बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती की ओर था, जिन्हें 35, लोधी एस्टेट आवास मिला था।