उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी मायावती, बसपा सांसद ने दी जानकारी

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती अगले महीने से शुरू हो रहे राज्य विधानसभा चुनाव में मैदान में नहीं उतरेंगी। उनके करीबी और बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने आज समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए ये जानकारी दी। मायावती अपने राजनीतिक करियर में बस एक बार 1996 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ी हैं और इसके बाद विधान परिषद से चुनकर मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालती रही हैं।
मायावती से पहले समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी विधानसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। पिछले साल नवंबर में ये ऐलान करते हुए उन्होंने अपने इस फैसले का कोई खास कारण नहीं बताया था। हालांकि अखिलेश का चुनाव न लड़ना अभी पूरी तरह से पक्का नहीं है और उनकी पार्टी ने कहा है कि उसने अभी इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया। अखिलेश अभी आजमगढ़ से सांसद हैं।
बता दें कि विधान परिषद वाले देश के चंद राज्यों में शामिल उत्तर प्रदेश में शीर्ष नेताओं के विधानसभा चुनाव न लड़ने का एक पुराना चलन है। 2007 में जब मायावती ने मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली थी, तब वे विधान परिषद से ही चुनकर आई थीं। इसके बाद जब अखिलेश 2012 में मुख्यमंत्री बने तो वे भी विधान परिषद के रास्ते आए। 2017 में योगी आदित्यनाथ ने भी यही तरीका अपनाया और वे भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़े थे।
गौरतलब है कि बसपा बेहद शांत तरीके से आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही है। अभी तक चुनाव में मुख्य टक्कर भाजपा और सपा में माना जा रही है, हालांकि बसपा का कहना है कि वह इन दोनों पार्टियों को मात देकर सत्ता में आएगी। पार्टी 2007 की जीत को दोहराने के लिए एक बार फिर ब्राह्मणों को लुभाने की कोशिश कर रही है और इसके लिए उसने अयोध्या से एक अभियान भी लॉन्च किया था।
बता दें कि उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों पर फरवरी और मार्च में सात चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। 10 फरवरी को पहले चरण की वोटिंग होगी। इसके बाद 14 फरवरी को दूसरे, 20 फरवरी को तीसरे, 23 फरवरी को चौथे, 27 फरवरी को पांचवें, 3 मार्च को छठवें और 7 मार्च को सातवें चरण की वोटिंग होगी। नतीजे 10 मार्च को आएंगे। उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी विधानसभा चुनाव होंगे।