भाजपा आज करेगी राजस्थान के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान, वसुंधरा समेत कई दावेदार
क्या है खबर?
राजस्थान में आज नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हो सकता है। यहां भाजपा के सभी नवनिर्वाचित विधायक औपचारिक रूप से अगले मुख्यमंत्री का चुनाव करने के लिए एक बैठक करने वाले हैं।
ये बैठक जयपुर में भाजपा प्रदेश कार्यालय में शाम 4:00 बजे प्रस्तावित है, जिसमें केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके सह-पर्यवेक्षक सरोज पांडे और विनोद तावड़े शामिल होंगे।
राज्य में वसुंधरा राजे समेत मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार हैं।
बैठक
विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों की उपस्थिति अनिवार्य
PTI के अनुसार, भाजपा ने विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों को अनिवार्य रूप से शामिल होने को कहा है। उनके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया दोपहर 1:30 बजे शुरू होगी, जबकि बैठक शाम को होनी है।
इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और प्रभारी अरुण सिंह ने जयपुर में होने वाली बैठक की सभी तैयारियों का जायजा लिया।
उन्होंने किसी दलित नेता को मुख्यमंत्री बनाए जाने के सवाल पर कहा कि बैठक के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा।
एक हफ्ते
मुख्यमंत्री पद की रेस में वसुंधरा समेत कई दिग्गज शामिल
राजस्थान चुनाव के परिणाम आने के बाद से यहां मुख्यमंत्री पद को लेकर उठापटक चल रही है।
यहां मुख्यमंत्री पद की रेस में कई उम्मीदवार हैं, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, दीया कुमारी और महंत बालकनाथ का नाम चर्चाओं में है।
चुनाव में भाजपा ने 199 सीटों में से 115 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं कांग्रेस के हिस्से मात्र 69 सीटें आई हैं।
रिपोर्ट
नवनिर्वाचित विधायकों की घेराबंदी में लगी हैं वसुंधरा
रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा अपनी दावेदारी से पीछे हटने को तैयार नहीं है। वे दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से हुई मुलाकात से संतुष्ट नहीं है, जिसमें उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव दिया गया था।
वह राजस्थान लौटने के बाद लगातार नवनिर्वाचित विधायकों की घेरांबदी में जुटी हैं। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वसुंधरा को फोन करके नवनिर्वाचित विधायकों से न मिलने की हिदायत भी दी है।
दबाव
वसुंधरा ने शीर्ष नेतृत्व के सामने रखी ये बड़ी मांग
खबर है कि वसुंधरा भाजपा आलाकमान से एक साल के लिए मुख्यमंत्री पद मांग कर रही हैं।
यही कारण है कि वह नवनिर्वाचित विधायकों से मिलकर अनुरोध कर रही हैं कि वे पर्यवेक्षक के समक्ष मुख्यमंत्री के तौर पर अपने पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में उन्हें चुनें।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वसुंधरा नवनिर्वाचित विधायकों की घेराबंदी करके शीर्ष नेतृत्व पर दबाव बना रही हैं और भाजपा आलकमान इससे खुश नहीं है।