
बिहार की वर्तमान 17वीं विधानसभा में सबसे कम कामकाज, बिना विचार के पास हुए सभी बिल
क्या है खबर?
बिहार की मौजूदा 17वीं विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है। उससे पहले राज्य को नई सरकार मिल जाएगी। इस बीच पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च की रिपोर्ट में पता चला है कि 2020 से 2025 तक नीतीश कुमार की सरकार में विधानसभा की बैठक कुल 146 दिन चली है, जो अभी तक के सभी 5 वर्षीय कार्यकालों में सबसे कम है। वर्तमान विधानसभा की बैठकें शीतकालीन, बजट और मानसून सत्र मिलाकर साल में औसतन 29 दिन होती थीं।
सत्र
एक दिन में सिर्फ 3 घंटे चला सदन, पारित हुए 78 बिल
बिहार विधानसभा का सदन भी इन 5 सालों में सबसे कम चला है। जिस दिन बिहार विधानसभा चलती थी, उस दिन सिर्फ 3 घंटे कामकाज होता था, जबकि अन्य राज्यों की विधानसभा में औसतन 5 घंटे कामकाज हुआ है। इस 17वीं विधानसभा में कुल 78 बिल पारित किए गए हैं, जो पेश होने के दिन ही पारित कर दिए गए। इनमें से किसी भी बिल को अधिक विचार-विमर्श के लिए समितियों के पास नहीं भेजा गया।
जानकारी
पिछली सरकारों में कितनी चली सदन
बिहार की पहली विधानसभा का कामकाज 391 दिन, दूसरी का 434, तीसरी का 330, आठवीं का 208, नौवीं का 169, दसवीं का 176, 11वीं का 155, 12वीं का 162, 14वां का 174, 15वां का 189 और 16वीं विधानसभा का कामकाज 154 दिन तक चला था।
बिल
5 साल में लाए गए 7 अध्यादेश
इस कार्यकाल में पारित बिलों में अधिकतर शिक्षा, वित्त, कराधान और प्रशासन से संबंधित थे। इनमें कुछ विधेयकों में बिहार सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक 2024, बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक 2024 और प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स (पंजीकरण, सुरक्षा-कल्याण) विधेयक, 2025 शामिल थे। 2021-2025 के बीच कुल 7 अध्यादेश लाए गए। अध्यादेश अस्थायी कानून होते हैं, जो सत्र न चलने पर लाए जाते हैं। अध्यादेशों की संख्या भी गिरी है। वर्ष 1990-1994 के बीच 144 अध्यादेश जारी हुए थे।
जानकारी
बिहार में 2 चरणों में होगा चुनाव
चुनाव आयोग ने सोमवार को चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों पर 6 और 11 नवंबर को 2 चरणों में मतदान होगा। इसके बाद 14 नवंबर को मतों की गणना की जाएगी।