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क्या बिहार के उपमुख्यमंत्री बनेंगे चिराग पासवान? 2005 के बाद LJP का सबसे शानदार प्रदर्शन 
चिराग पासवान खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान कहते हैं

क्या बिहार के उपमुख्यमंत्री बनेंगे चिराग पासवान? 2005 के बाद LJP का सबसे शानदार प्रदर्शन 

लेखन गजेंद्र
Nov 14, 2025
04:06 pm

क्या है खबर?

बिहार के विधानसभा चुनाव में भाजपा और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बाद एक और पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है, जिसका किसी को अंदाजा नहीं था। 43 वर्षीय युवा नेता चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) (LJP) ने साल 2005 के बाद अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। 2020 में पार्टी ने केवल 1 सीट जीती थी। LJP 19 सीटों पर बढ़त बनाए है और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है।

चुनाव

किन सीटों पर आगे चल रही LJP?

चिराग ने इस चुनाव में अपनी पार्टी के लिए NDA से 29 सीटें मांगी थी, जिसमें 19 में उनका प्रदर्शन अच्छा है, जिससे उसका स्ट्राइक रेट करीब 67 प्रतिशत है। LJP सुगौली, गोविंदगंज, बेलसांड, कसबा, बलरामपुर, सिमरी बख्तियारपुर, बोछन, दरौली, महुआ, बखरी, परबत्ता, नाथनगर, बख्तियारपुर, छेनारी, देहरी, ओबरा, शेरघाटी, रजौली और गोबिंदपुर में बढ़त पर है। विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन से साबित हो रहा है कि चिराग खुद को राजनीति में स्थापित कर चुके हैं।

उपमुख्यमंत्री

क्या मिलेगा उपमुख्यमंत्री का पद?

NDA में तीसरी बड़ी पार्टी LJP के लिए अब उपमुख्यमंत्री पद पर मोलभाव करना आसान है। हालांकि, चिराग ने कभी इच्छा जाहिर नहीं की। खुद को "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान" कहने वाले चिराग अभी केंद्र में खाद्य मंत्री हैं। मौजूदा रूझानों को देखें तो NDA में भाजपा सबसे बड़ी और JDU दूसरे स्थान पर है। ऐसे में केंद्र की राजनीति को देखते हुए नीतीश को मुख्यमंत्री बनाना भाजपा की मजबूरी होगी, लेकिन अपने उपमुख्यमंत्री से सत्ता पर नियंत्रण रखेगी।

इतिहास

LJP का कैसा रहा प्रदर्शन?

वर्ष 2000 में राम विलास पासवान ने जनता दल से अलग होकर LJP बनाई थी। इसने उस समय 243 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सिर्फ 10 सीट जीती थी। वर्ष 2005 के चुनाव में LJP ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए 85 में 29 सीट जीती थी, लेकिन विधानसभा भंग होने से अक्टूबर में फिर चुनाव हुए और उन्हें मात्र 10 सीट मिली। रामविलास की मौत के बाद चिराग ने पार्टी को संभाला।