जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस को बड़ा झटका, गुलाम नबी आजाद के बाद 64 नेताओं ने दिया इस्तीफा
गुलाम नबी आजाद के इस्तीफा देने के बाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। उनके इस्तीफा देने के बाद वहां के 64 अन्य नेताओं ने भी इस्तीफा दे दिया है। इनमें से 51 नेताओं ने तो मंगलवार को सामूहिक तौर पर इस्तीफा देने का ऐलान किया है और उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को संयुक्त त्याग पत्र भी भेज दिया है। इन सभी नेताओं को अब आजाद की नई पार्टी में शामिल होने की संभावना है।
सामूहिक इस्तीफा देने वालों में शामिल हैं ये नेता
कांग्रेस से सामूहिक रूप से इस्तीफा देने वाले नेताओं में पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद, पूर्व मंत्री माजिद वानी, घारू चौधरी, मनोहर लाल शर्मा, महासचिव बलवान सिंह, गुलाम हैदर मालिक, विनोद शर्मा, विनोद मिश्रा, नरिंदर शर्मा, परविंदर सिंह, अराधना अंदोत्रा, संतोष महनास, संतोष मनजोत्रा, वरुण मंगोत्रा और रेहाना अंजुम शामिल है। इसी तरह रसपौल भारद्वाज, तीरथ सिंह, नीरज चौधरी, सरनाम सिंह, राजदेव सिंह, अशोक भगत, अश्विनी शर्मा, बद्री शर्मा, जगतार सिंह, दलजीत सिंह, मदन लाल शर्मा सहित 64 और नेता शामिल है।
अन्य पार्टियों के नेता भी होंगे आजाद की पार्टी में शामिल
इस्तीफा देने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद ने कहा, "हम खुश हैं कि आजाद अपनी पार्टी बना रहे हैं। कांग्रेस आलाकमान ने एक बार भी हमसे मिलने की जहमत नहीं उठाई, हम अपनी शिकायतें व्यक्त करना चाहते थे। अन्य पार्टियों के नेताओं ने भी हमसे संपर्क किया है। यहां तक कि सत्ताधारी भाजपा के नेता भी हमारे साथ आना चाहते हैं।" पूर्व विधायक बलवान सिंह ने कहा, "हमने आजाद के समर्थन में सोनिया गांधी को संयुक्त इस्तीफा भेज दिया है।"
आजाद ने 26 अगस्त को दिया था इस्तीफा
बता दें कि आजाद ने 26 अगस्त को राहुल गांधी और आलाकमान के खिलाफ नाराजगी जताते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने सोनिया गांधी को भेजे इस्तीफे में लिखा था कि आपके नेतृत्व में पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर रही थी, लेकिन 2013 में राहुल गांधी के उपाध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया और अध्यादेश फाड़कर बचकाना व्यवहार दिखाया था। सारे फैसले राहुल गांधी और निजी सहायक ले रहे हैं।
आजाद ने किया नई पार्टी बनाने का ऐलान
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद आजाद ने नई पार्टी बनाने का भी ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में नई पार्टी का गठन करेंगे और राष्ट्रीय स्तर पर संभावनाएं बाद में तलाशी जाएंगी। इसी के साथ उन्होंने भाजपा में शामिल होने के कयासों का भी खंडन कर दिया। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में इस साल विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में ये पहले विधानसभा चुनाव होंगे।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
आजाद का जन्म 7 मार्च, 1949 को जम्मू-कश्मीर के डोडा में हुआ था और उन्होंने कश्मीर यूनिवर्सिटी से MSc किया है। वह 1970 के दशक से कांग्रेस से जुड़े थे। वह 1975 में जम्मू कश्मीर यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बने और 1980 में उन्होंने यूथ कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। वह पहली बार 1980 में महाराष्ट्र के वाशिम से लोकसभा चुनाव जीते थे। उसे बाद उन्हें 1982 में केंद्रीय मंत्री बनाया गया था।
साल 2005 में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने थे आजाद
आजाद 1990-1996 तक महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद रहे। इसके बाद 1996 से 2006 तक वह जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा पहुंचे। साल 2005 में उन्हें जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनाया गया था, लेकिन 2008 में PDP के समर्थन वापस लेने से आजाद की सरकार गिर गई थी। वह मनमोहन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रहे। 2014 में आजाद को राज्यसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया था और 2015 में उन्हें फिर से राज्यसभा भेजा गया था।