कांग्रेस ने बोला गुलाम नबी आजाद पर हमला, जम्मू-कश्मीर के पांच अन्य नेताओं ने छोड़ी पार्टी
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को राहुल गांधी और आलाकमान के खिलाफ नाराजगी जताते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसको लेकर कांग्रेस नेताओं ने उन पर कड़ा हमला बोला है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने तो उनके DNA पर सवाल उठाते हुए उसे मोदीफाइड करार दे दिया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के पांच पूर्व विधायकों ने भी आजाद के समर्थन में पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
आजाद ने साधा राहुल गांधी पर निशाना
सोनिया गांधी को भेजे इस्तीफे में आजाद ने लिखा कि आपके नेतृत्व में पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर रही थी, लेकिन 2013 में जब राहुल गांधी को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया, तब से उन्होंने पार्टी में बातचीत का खाका नष्ट कर दिया। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया और अध्यादेश फाड़कर बचकाना व्यवहार दिखाया था। उन्होंने सोनिया से कहा कि वह केवल पद काबिज है, लेकिन सारे फैसले राहुल गांधी और निजी सहायक ले रहे हैं।
जयराम रमेश ने बोला आजाद पर हमला
आजाद के इस्तीफा देने के बाद जयराम रमेश ने कहा कि आजाद को कांग्रेस आलाकमान ने बहुत अधिक सम्मान दिया था, लेकिन उन्होंने बेहद निजी और घटिया हमले करके विश्वासघात किया है। इससे उनका वास्तविक चरित्र सामने आ गया। उनका DNA भी मोदी आधारित है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस वक्त महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ लड़ रही है और ऐसे वक्त में गुलाम नबी आजाद का पार्टी से अलग हो जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
अशोक गहलोत और संदीप दीक्षित ने भी उठाए सवाल
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उन्हें आजाद का फैसला और बयान पढ़कर दुख हुआ है। कांग्रेस ने उन्हें सम्मान और पहचान दी। 42 साल तक वह पद के बिना नहीं रहे, उनकी बातें अनुचित हैं और मेरी समझ से परे है। अन्य नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि उन्हें इसमें विश्वासघात की बू आ रही है। पार्टी में रहना जरूरी था। पवन खेड़ा ने कहा कि आजाद ने राज्यसभा नहीं भेजने के कारण इस्तीफा दिया है।
आनंद शर्मा ने भी जताया आजाद के इस्तीफे पर दुख
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि यह गंभीर घटनाक्रम है और इससे सभी कांग्रेसियों को पीड़ा होगी। वह व्यक्तिगत रूप से स्तब्ध हैं। यह स्थिति पूरी तरह से टालने योग्य थी। उन्हें उम्मीद थी कि गंभीर आत्मनिरीक्षण होगा, लेकिन दुर्भाग्य से वह प्रक्रिया उलट गई। उन्होंने कहा कि आजाद बहुत आहत हुए होंगे। इस स्थिति को आने से बचाया जा सकता था। यह बात समय-समय पर बताई भी गई, लेकिन आलाकमान ने ध्यान नहीं दिया।
आजाद के समर्थन में जम्मू-कश्मीर के पांच और नेताओं ने दिया इस्तीफा
कांग्रेस नेताओं के आजाद पर होते हमलों को देखते हुए जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के पांच पूर्व विधायकों ने भी आजाद के समर्थन में पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया। इनमें राज्य कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हाजी अब्दुल राशिद, पूर्व राज्य कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष जीएम सरूरी, पूर्व विधायक गुलजार अहमद वानी, मोहम्मद आमीन भट्ट और चौधरी मोहम्मद इकराम शामिल है। उन्होंने कहा कि वह सभी आजाद द्वारा बनाई जाने वाली पार्टी में शामिल होंगे।
आजाद ने किया नई पार्टी बनाने का ऐलान
कांग्रेस नेताओं के हमलों के बीच आजाद ने नई पार्टी बनाने का भी ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में नई पार्टी का गठन करेंगे और राष्ट्रीय स्तर पर संभावनाएं बाद में तलाशी जाएंगी। इसी के साथ उन्होंने भाजपा में शामिल होने के कयासों का भी खंडन कर दिया। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में इस साल विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में ये पहले विधानसभा चुनाव होंगे।