भारत का नया इतिहास लिखने की जरूरत, सरकार करेगी मदद- अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि भारत के इतिहास को गलत तरीके से लिखा गया है और इसमें संशोधन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इतिहासकारों और छात्रों को देश के विभिन्न हिस्सों में 150 साल से ज्यादा शासन करने वाले 30 बड़े साम्राज्यों और देश की स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने वालीं 300 विभूतियों पर शोध कर एक नया इतिहास लिखना चाहिए। बकौल शाह, इससे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा मिलेगी।
अमित शाह बोले- आपको भारत का गौरवमयी इतिहास लिखने से कौन रोक रहा है
एक कार्यक्रम में बोलते हुए अमित शाह ने कहा, "मैं इतिहास का विद्यार्थी हूं। मैं कई बार सुनता हूं कि हमारे इतिहास को गलत तरीके से लिखा गया है। हमारे इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। हो सकता है वो सही हो, लेकिन हमारे इतिहास को गौरवमयी तरीके से लिखने से अब हमें कौन रोकता है?" उन्होंने आगे कहा, "हमें पुरुषार्थ करना पड़ेगा, हमें संशोधन करना पड़ेगा और हमारे इतिहास को गौरवमयी तरीके से विश्व के सामने रखना पड़ेगा।"
केंद्र सरकार करेगी नए इतिहास लिखने का समर्थन- शाह
शाह ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार देश के गौरव के लिए किए गए किसी भी पुरुषार्थ और प्रयास की समर्थक है। उन्होंने कहा कि नया इतिहास आने पर असत्य अपने आप चला जाएगा। उन्होंने आगे कहा, "जब देश बनते हैं, तब उसमें महत्वपूर्ण तत्व होता है देश के इतिहास का अध्ययन। जिस देश की जनता को अपने इतिहास से गौरव लेने का बोध न हो, वो अपना सुनहरा भविष्य कभी नहीं बना सकती।"
यहां देखिए अमित शाह का पूरा बयान
असम के शासक के जयंती समारोह में पहुंचे थे शाह
शाह असम के अहोम राजवंश के शासक लचित बरफुकन की 400वीं जयंती के उपलक्ष्य में दिल्ली में आयोजित समारोह में पहुंचे थे। बरफुकन ने 1671 में मुगल शासक औरंगजेब की सेना को हराया था। समारोह में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा भी मौजूद थे।
'सम्राट पृथ्वीराज' भी देखने गए थे अमित शाह
बता दें कि शाह ने इसी साल जून में रिलीज हुई 'सम्राट पृथ्वीराज' फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग अपने परिवार के साथ देखी थी। उन्होंने पृथ्वीराज चौहान जैसे महान योद्धा पर फिल्म बनाने के लिए निर्देशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी और मुख्य कलाकार अक्षय कुमार और मानुषी छिल्लर की जानकर तारीफ भी की थी। उन्होंने कहा था कि 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद भारत में सांस्कृतिक पुनरुत्थान का एक युग शुरू हुआ है।
न्यूजबाइट्स प्लस
अमित शाह पहले भी इतिहासकारों से अतीत के गौरव को पुनर्जीवित करने की अपील कर चुके हैं। शाह ने जून में 'महाराणा: सहस्र वर्षों का धर्मयुद्ध' के पुस्तक के विमोचन के अवसर पर कहा था कि इतिहास की नई किताबों के माध्यम से तथ्यों को सामने लाने का प्रयास झूठ फैलाने वालों की तुलना में ज्यादा बड़ा और तेज होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि इतिहास सरकार नहीं बल्कि सच्ची घटनाओं से बनते हैं।