
राहुल गांधी को हाई कोर्ट की फटकार, कहा- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सेना की बदनामी करना नहीं
क्या है खबर?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सैनिकों के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट से फटकार लगी है।
न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने सुनवाई के दौरान कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है कि सेना की बदनामी की जाए।
इसके साथ ही कोर्ट ने अपमानजनक टिप्पणी के मामले में लखनऊ की एक कोर्ट द्वारा जारी समन के खिलाफ गांधी की याचिका भी खारिज कर दी।
सुनवाई
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि संविधान का अनुच्छेद 19(1)(ए) भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है, लेकिन यह स्वतंत्रता उचित प्रतिबंधों के अधीन है। इसमें भारतीय सेना के लिए अपमानजनक बयान देने की स्वतंत्रता शामिल नहीं है।"
गांधी ने समन आदेश को चुनौती देते हुए कोर्ट में तर्क दिया कि शिकायत प्रेरित थी और दुर्भावनापूर्ण तरीके से दर्ज की गई थी।
गांधी के वकील ने कहा कि शिकायत पढ़ने से आरोप मनगढ़ंत लगते हैं।
विवाद
क्या है मामला?
राहुल ने 16 दिसंबर, 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राजस्थान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, "लोग यहां-वहां, अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बारे में पूछेंगे, लेकिन वे चीन द्वारा 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने, 20 भारतीय सैनिक मारने और अरुणाचल में हमारे सैनिकों की पिटाई के बारे में सवाल नहीं पूछेंगे।"
इसी को लेकर सीमा सड़क संगठन (BRO) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने लखनऊ में शिकायत दर्ज कराई थी।
जानकारी
निजली कोर्ट के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे थे राहुल
इसी मामले में उत्तर प्रदेश में राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया गया और निचली कोर्ट ने उन्हें समन जारी किया था। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कार्यवाही और समन को रद्द करने की मांग की थी।