#NewsBytesExplainer: बगावत करने वाले NCP के किन-किन नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच चल रही है?
महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को उस वक्त बड़ा तूफान आ गया जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अजित पवार ने बगावत करते हुए भाजपा से हाथ मिला लिया। उन्हें राज्य का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है तो उनके साथ 8 बागी विधायकों को भी मंत्री पद मिला है। इन बागी विधायकों में से 3 के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) जांच कर रही है और 1 को अंतरिम जमानत मिली हुई है। आज बागी विधायकों का आपराधिक रिकॉर्ड जानते हैं।
अजित के खिलाफ बैंक घोटाले में जांच जारी
अजित पर महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक द्वारा जारी लोन में अनियमितता बरतने का आरोप है। ये मामला 2005 से 2010 के बीच का है, तब राज्य में कांग्रेस और NCP के गठबंधन की सरकार थी। आर्थिक अपराध शाखा (EOW) इस मामले की जांच कर रही है। हालांकि, ED के आरोपपत्र में अजित का नाम तो नहीं है, लेकिन उनसे जुड़ी एक कंपनी का नाम है। जांच फिलहाल जारी है और अजित को क्लीन चिट नहीं मिली है।
सिंचाई घोटाले में भी अजित का नाम
अजित का नाम सिंचाई घोटाले में भी है। ये मामला भी कांग्रेस-NCP गठबंधन सरकार के वक्त का ही है। तब अजित जल संसाधन मंत्री थे। इस मामले में महाराष्ट्र की भ्रष्टाचार रोधी शाखा (ACB) जांच कर रही है। 2019 में जब अजित उपमुख्यमंत्री बने थे, तब एक दिन बाद ही उन्हें ACB ने क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने ACB की रिपोर्ट को अभी तक स्वीकार नहीं किया है।
घोटाले के चलते 2 साल जेल में रहे हैं छगन भुजबल
भाजपा से हाथ मिलाने वाले भुजबल पर 2006 में लोक निर्माण मंत्री रहते हुए 100 करोड़ रुपये से अधिक के ठेके देने में अनियमितता बरतने का आरोप है। 2015 में ACB ने भुजबल के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मामले में ED ने भी अलग से मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। 2 साल जेल में रहने के बाद उन्हें 2017 में जमानत मिल गई थी। मुंबई विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में भी भुजबल का नाम है।
अंतरिम जमानत पर बाहर हैं हसन मुश्रीफ
हसन और उनके 3 बेटों के खिलाफ सर सेनापति संताजी घोरपड़े शुगर फैक्ट्री लिमिटेड और उनके परिवार से जुड़ी अन्य कंपनियों के कामकाज में अनियमितताओं को लेकर ED जांच कर रही है। भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने हसन पर एक सहकारी चीनी मिल में 100 करोड़ रुपये की अनियमितता और 127 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था। इस मामले में हसन को 11 जुलाई तक अंतरिम जमानत मिली हुई है।
प्रफुल्ल पटेल अंडरवर्ल्ड से संबंधित मामले में ED की रडार पर
प्रफुल्ल पटेल भी अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी गैंगस्टर इकबाल मिर्ची से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED की रडार पर हैं। इस संबंध में ED प्रफुल्ल से पूछताछ भी कर चुकी है। प्रफुल्ल UPA सरकार में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री रह चुके हैं। आरोप हैं कि इस दौरान उन्होंने कथित तौर पर कई घोटाले किए। इनमें विदेशी एयरलाइन को फायदेमंद रूट देना भी शामिल है। इस मामले में भी प्रफुल्ल के खिलाफ जांच चल रही है।
अदिति तटकरे के पिता के खिलाफ भी चल रही जांच
जिस सिंचाई घोटाले में अजित के खिलाफ ACB जांच कर रही हैं, उसमें कैबिनेट मंत्री बनने वालीं अदिति तटकरे के पिता सुनील तटकरे का भी नाम है। सुनील NCP सांसद हैं। हालांकि, साल 2017 में ACB ने जो आरोपपत्र दायर किया था, उसमें सुनील का नाम शामिल नहीं था। साल 2012 में ED ने इसी मामले में सुनील के खिलाफ प्रारंभिक जांच भी शुरू की थी। अदिति श्रीवर्धन सीट से विधायक हैं।
अजित पवार की बगावत का पूरा मामला क्या है?
शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने रविवार को अपने चाचा के खिलाफ बगावत करते हुए भाजपा से हाथ मिला लिया था और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना की सरकार में शामिल हो गए थे। उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। उनके साथ NCP के 12 विधायक और आए, जिनमें से 8 को मंत्री बनाया गया है। अजित ने NCP के 40 विधायकों का उन्हें समर्थन होने की बात कही है।