AAP का बड़ा दावा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बनाई जा रही नकली यमुना
क्या है खबर?
आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और दिल्ली में प्रदेशाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए साफ पानी की नकली यमुना बना रही है, जिसमें वजीराबाद से लाया गया साफ पानी एक पाइप के जरिए चोरी कर डाला जा रहा है। उन्होंने छठ पूजा के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी के वासुदेव घाट जाने की भी बात कही है।
बयान
भारद्वाज ने क्या दिया बयान?
भारद्वाज ने एक वीडियो साझा करते हुए दावा किया, "हमें मालूम है कि बिहार चुनावों के चलते पूर्वांचली मतदाताओं को लुभाने के लिए छठ पूजा के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी वासुदेव घाट जाएंगे और डुबकी लगाएंगे।" उन्होंने कहा, "यमुना का पानी प्रदूषित है इसलिए पीने के पानी की पाइप लाइन से एक नकली घाट बनाया जा रहा है। भाजपा सरकार को गरीब पूर्वांचलियों की कोई भी फिक्र नहीं है। यह सब दिखावा है।"
आरोप
फर्जीवाड़े के सभी रिकॉर्ड टूटे- भारद्वाज
भरद्वाज ने फर्जी घाट का वीडियो शेयर करते हुए कहा, "फर्जीवाड़े के सभी रिकॉर्ड टूट गए। अगर, आप एक झूठ बोलते हैं तो उसे छिपाने के लिए 100 झूठ बोलने पड़ते हैं। आज ये मुहावरा भाजपा पर ठीक बैठ रहा है। भाजपा सरकार ने झूठ बोला कि यमुना साफ कर दी।" उन्होंने आगे कहा, "हमने कभी नहीं कहा कि यमुना साफ कर दो, इन्होंने खुद ही सर्टिफिकेट दे दिया कि एक साल के अंदर ही यमुना साफ कर दी।"
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें वीडियो
“फ़र्ज़ीवाडे के सभी रिकॉर्ड टूटे”
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) October 26, 2025
👉🏼PM के लिए फ़िल्टर पानी वाली “नक़ली यमुना” बनाई गई है
👉🏼मग़र दिल्ली में गरीब पूर्वांचली लोगों के लिए प्रदूषित मल युक्त यमुना #BJPExposedOnYamuna #BJPExposedOnPollution pic.twitter.com/RAGHmP2xWX
प्रतिक्रिया
भाजपा ने भारद्वाज के बयान पर दी प्रतिक्रिया
भारद्वाज के इस खुलासे पर भाजपा की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। भाजपा प्रवक्ता परवीन शंकर कपूर ने लिखा, 'मैंने सुबह ही कह दिया था की AAP कोई खुलासा नहीं कर पाएगी और वो ही हुआ। सौरभ भारद्वाज की प्रेस कांफ्रेंस कुछ ऐसी थी कि खोदा पहाड़ निकली चुहिया - वो भी मरी हुई।' उन्होंने कहा, 'भाई सौरभ हार की हताशा में इतना बौखला गये हो की अब छठी मैय्या के पूजन की व्यवस्थाओं का भी विरोध करने लगे।'