भारत में मिलने वाले इन पेय के बारे में नहीं जानते होंगे, स्वाद में हैं लाजवाब
क्या है खबर?
गर्मी में ठंडे और ताजगी देने वाले पेय पीना हाइड्रेटेड रहने का बढ़िया तरीका है। ज्यादातर लोग प्यास बुझाने के लिए कोल्ड ड्रिंक और लस्सी आदि पी लेते हैं। हालांकि, हमारे देश में चाय और लस्सी के बजाय भी कई लजीज पेय मिलते हैं। ये सभी खास रेसिपी से तैयार किए जाते हैं और विभिन्न राज्यों में मिलते हैं। इन सभी पेय के बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते हैं, लेकिन इन्हें पी कर आपका मन तृप्त हो जाएगा।
#1
बुरांस का जूस
बुरांस का जूस उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश का पारंपरिक पेय है, जिसे 'पहाड़ी फूलों का जूस' भी कहते हैं। इसे बुरांश के सुंदर और लाल रंग वाले फूलों से तैयार किया जाता है। इस पेय का स्वाद खट्टा-मीठा होता है और इसे शहद डालकर परोसा जाता है। अगर आप इस पेय को खान-पान का हिस्सा बनाते हैं तो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हो सकती है और आयरन की कमी भी पूरी हो सकती है।
#2
फेनी
फेनी गोवा में मिलने वाला एक ट्रॉपिकल पेय है, जो असल में एक प्रकार की स्थानीय शराब है। इसे फेर्मेंटेड काजू और नारियल के पेड़ से निकलने वाले रस से तैयार किया जाता है। इसके बाद फेनी को तांबे के मटकों में रखा जाता है, ताकि उसका स्वाद और भी अच्छा हो जाए। इसे गोवा के लोग अपने हाथों से बनाते हैं और इसका स्वाद थोड़ा अलग होता है। इसे गोवा के पारंपरिक व्यंजनों के साथ पिया जाता है।
#3
नीरा
महाराष्ट्र और केरल में एक खास पेय पिया जाता है, जिसे नीरा कहते हैं। इसे ताड़ के रस के नाम से भी जाना जाता है। नीरा को नारियल के ताड़ की कलियों से निकाले गए रस से तैयार किया जाता है। इसका स्वाद मीठा होता है और रंग हरा होता है। इस पेय में प्राकृतिक मिठास होती है और यह कई विटामिन और मिनरल से समृद्ध होता है। इसे पीने से ऊर्जा बढ़ती है और पाचन दुरुस्त रहता है।
#4
जुथो
नागालैंड समेत अन्य उत्तर पूर्वी राज्यों के लोग बड़े ही चाव से जुथो नामक पेय पीते हैं। यह अंकुरित चावल से बनाया जाने वाला अल्सोहोलिक पेय होता है। इसे अंगामी नागा जनजाति और अन्य नागा समुदायों के लोग अपने हाथों से तैयार करते हैं। जुथो का स्वाद खट्टा होता है और इसका खास सांस्कृतिक महत्व भी होता है। यह पेय शादियों, त्योहारों और अन्य खास समारोहों के दौरान पिया जाता है।
#5
छांग
छांग लद्दाख का पारंपरिक पेय है, जो हिमाचल प्रदेश और सिक्किम में भी मशहूर है। यह जौ से बनने वाला पेय है, जो कम अल्कोहल वाली बियर जैसा होता है। इसे बनाने के लिए पहले जौ को उबालकर ठंडा किया जाता है और फिर फरमेंट किया जाता है। इसे पारंपरिक रूप से लड़की या बांस के गिलास में परोसा जाता है और बांस के स्ट्रॉ से पिया जाता है। लोग इस पेय का आनंद खास मौकों पर ही लेते हैं।