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कफ दोष को संतुलन में कर सकते हैं ये प्राणायाम, ऐसे करें अभ्यास
कफ दोष को संतुलित करने वाले प्राणायाम

कफ दोष को संतुलन में कर सकते हैं ये प्राणायाम, ऐसे करें अभ्यास

लेखन अंजली
Mar 22, 2022
09:37 am

क्या है खबर?

आयुर्वेद मुख्य रूप से तीन (वात दोष, पित्त दोष और कफ दोष) जीवन शक्तियों पर आधारित होता है। हालांकि, अगर इनमें से किसी दोष में असंतुलन हो तो शरीर में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। खासकर, जब बात कफ दोष की हो तो इसका असंतुलन कई गंभीर शारीरिक और त्वचा संबंधित समस्याओं को उत्पन्न कर सकता है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे प्राणायामों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो कफ दोष को संतुलित करने में सहायक हैं।

#1

भस्त्रिका प्राणायाम

भस्त्रिका प्राणायाम के लिए पहले योगा मैट पर सुखासन की अवस्था में बैठकर अपनी दोनों आंखें बंद करें। अब मुंह को बंद करते हुए नाक के दोनों छिद्रों से गहरी सांस लें, फिर एक झटके में दोनों नाक के छिद्रों से भरी हुई सांस को छोड़ें। ध्यान रखें कि सांस छोड़ने की गति इतनी तीव्र हो कि झटके के साथ फेफड़े सिकुड़ जाने चाहिए। कुछ मिनट इस प्राणायाम का अभ्यास करने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।

#2

नाड़ी शोधन प्राणायाम

नाड़ी शोधन प्राणायाम के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सुखासन की मुद्रा में बैठें, फिर दाएं हाथ की पहली दो उंगलियों को माथे के बीचों-बीच रखें। अब अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करके नाक के बाएं छिद्र से सांस लें, फिर अनामिका उंगली से नाक के बाएं छिद्र को बंद करके दाएं छिद्र से सांस छोड़ें। इस दौरान अपनी दोनों आंखें बंद करके अपनी सांस पर ध्यान दें। कुछ देर बाद प्राणायाम छोड़ दें।

#3

भ्रामरी प्राणायाम

भ्रामरी प्राणायाम के लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की स्थिति में बैठें। अब अपने दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर अपने कानों के पास लाएं और अंगूठों से अपने दोनों कानो को बंद करें, फिर हाथों की तर्जनी उंगलियों को माथे पर और मध्यमा, अनामिका और कनिष्का उंगली को बंद आंखों के ऊपर रखें। इसके बाद मुंह बंद करें और नाक से सांस लेते हुए ओम का उच्चारण करें। कुछ मिनट बाद धीरे-धीरे आंखों को खोलकर प्राणायाम को छोड़े।

#4

उज्जायी प्राणायाम

उज्जायी प्राणायाम के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की स्थिति में बैठ जाएं और अपनी जीभ को ऊपर तालु से टच करते हुए मुंह के अंदर की ओर मोड़ लें। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और गले से आवाज निकालते हुए सामान्य रूप से सांस लें, फिर धीरे-धीरे सांस को गहरा कर लें। ऐसा 10-20 मिनट तक करने के बाद धीरे-धीरे अपनी दोनों आंखों को खोलें और सामान्य हो जाएं।