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यूरिन लीकेज की समस्या से राहत दिला सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
यूरिन लीकेज की समस्‍या दूर कर सकते हैं ये योगासन

यूरिन लीकेज की समस्या से राहत दिला सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास

लेखन अंजली
Nov 11, 2021
06:45 am

क्या है खबर?

यूरिन लीकेज की समस्या तब होती है जब पेल्विक फ्लोर कमजोर हो जाता है। अमूमन गर्भवती महिलाएं इस समस्या का खूब सामना करती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ बीमारियां भी इसकी जिम्मेदार हो सकती है। खैर वजह चाहें जो भी हो, योग की मदद से यह समस्या दूर हो सकती है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं जो यूरिन लीकेज की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।

#1

वज्रासन

वज्रासन करने के लिए पहले योगा मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं। इसी स्थिति में अपने दोनों पैरों के अंगूठों को साथ में मिलाएं और एड़ियों को अलग रखें। अब अपने नितंबों को एड़ियों पर टिकाकर अपनी हथेलियां को घुटनों पर रखें। इस दौरान अपनी पीठ और सिर को सीधा रखें। इसके बाद आंखें बंद करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इस अवस्था में कम से कम 5-10 मिनट तक बैठने की कोशिश करें, फिर सामान्य हो जाएं।

#2

बद्धकोणासन

बद्धकोणासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर अपने दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं, फिर पैरों को मोड़कर अपने दोनों तलवों को आपस में मिला लें। इसके बाद दोनों हाथों से तलवों को पकड़ लें और अपने दोनों घुटनों को आराम-आराम से तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे करें। इस दौरान सामान्य गति से सांस लेते रहें। कुछ सेकंड बाद इस आसन को धीरे-धीरे छोड़ दें।

#3

हस्त पादासन

सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब सांस छोड़ें और कूल्हों की तरफ से मुड़ते हुए नीचे झुकें। ध्यान रहें कि इस दौरान आपके घुटने बिल्कुल सीधे हों और पैर एक−दूसरे के समानांतर हों। इसके बाद अपने हाथों से अपने पंजों को छूने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे−धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। यकीनन इस योगासन के नियमित अभ्यास से आपको काफी फायदा होगा।

#4

पश्चिमोत्तानासन

पश्चिमोत्तानासन के लिए पहले योगा मैट पर अपने दोनों पैरों को आपस में सटाकर और आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं। अब दोनों हाथ ऊपर की ओर उठाएं, फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और माथे को घुटनों से सटाते हुए हाथों से पैरों के अंगूठों को पकड़ने का प्रयास करें। कुछ सेकंड के लिए इसी अवस्था में बने रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें, फिर गहरी सांस लेते हुए सामान्य हो जाएं।