विश्व थायराइड दिवस 2023: जानिए इसका इतिहास, महत्व और इसे मनाने का तरीका
क्या है खबर?
थायराइड कोई बीमारी नहीं बल्कि गले में ही उपस्थित एक ग्रंथि है, जो तितली के आकार की होती है और इसमें होने वाले रोग दुनियाभर में मधुमेह के बाद दूसरे स्थान पर हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनियाभर में 10 में से 1 व्यक्ति थायराइड विकार के किसी न किसी रूप से पीड़ित है।
आज यानी 25 मई को विश्व थायराइड दिवस है तो आइए हम आपको इसके इतिहास, महत्व और अन्य महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
इतिहास और महत्व
विश्व थायराइड दिवस का इतिहास और महत्व
विश्व थायराइड दिवस पहली बार साल 2007 में थायराइड फेडरेशन इंटरनेशनल के सदस्यों द्वारा मनाया गया था।
यह वैश्विक स्वास्थ्य दिवस यूरोपीय थायराइड एसोसिएशन (ETA) का सम्मान करने के लिए बनाया गया था, जो 1965 में गठित किया गया था।
यह दिन थायराइड विकारों से पीड़ित लोगों और उन शोधकर्ताओं को समर्पित है, जो दुनियाभर में थायराइड रोगों के अध्ययन और उपचारों में लगे हैं।
इस दिवस को महत्व देने का कारण लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक करना है।
तथ्य
थायराइड के रोग से जुड़े तथ्य
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड विकार विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
हाइपोथायरायडिज्म बुजुर्गों में अधिक आम है, जबकि हाइपरथायरायडिज्म युवा लोगों को अधिक प्रभावित करता है।
थायराइड विकार मेटाबॉलिज्म, ऊर्जा के स्तर, वजन, हृदय, प्रजनन क्षमता, मनोदशा और संज्ञानात्मक कार्य को प्रभावित कर सकते हैं।
अगर जल्दी थायराइड के रोगों का इलाज नहीं किया जाए तो ये हृदय रोग, ऑस्टियोपोरोसिस और बांझपन का कारण भी बन सकते हैं।
तरीका
विश्व थायराइड दिवस कैसे मनाएं?
ओवरएक्टिव या अंडरएक्टिव थायराइड के किसी भी लक्षण के मामले में अपनी जांच करवाएं। अपने मित्रों या प्रियजनों को भी जांच करवाने के लिए प्रोत्साहित करें।
अपने शरीर पर ध्यान दें और एकदम से वजन बढ़ने या वजन घटाने और ऊर्जा के स्तर में बदलाव जैसे लक्षणों को हल्के में न लें।
स्वास्थ्यवर्धक चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें और जितना हो सके सक्रिय रहें। इसके अलावा, समय से सोने और समय से जागने का नियम बना लें।
टेस्ट
थायराइड के रोगों का कैसे पता लगाया जा सकता है?
अगर आपको खुद में थायराइड के रोगों के कुछ लक्षण दिखने लगें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि समय रहते समस्या के जोखिम को कम किया जा सके।
इसके लिए डॉक्टर आपको TSH टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। इसके जरिए ट्राईआयोडोथायरोनिन और थायरॉक्सिन हार्मोंन्स की स्थिति का पता लगाया जाता है।
इसके अलावा, डॉक्टर आपको थायराइड एंटीबॉडी टेस्ट, गले का अल्ट्रासाउंड या फिर रेडियोएक्टिव आयोडीन टेस्ट कराने को कह सकते हैं।