महिला नाम वाले चक्रवात होते हैं अधिक खतरनाक- अध्ययन
क्या है खबर?
चक्रवात 'बिपरजॉय' बीते शुक्रवार को गुजरात के तट से टकराया। इसमें 2 लोगों की मौत के अलावा संपत्ति का भी काफी नुकसान हुआ। हालांकि, समय रहते एहतियाती कदम उठाने की वजह से ज्यादा मौतें नहीं हुईं।
इसी बीच चक्रवातों के नाम को लेकर प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (PNAS) में प्रकाशित अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
इसके मुताबिक, महिला नाम वाले चक्रवात पुरुष नाम वाले चक्रवातों की तुलना में अधिक खतरनाक होते हैं।
अध्ययन
महिला नाम वाले चक्रवात होते हैं ज्यादा खतरनाक और विनाशकारी
अध्ययन नामकरण से चक्रवातों की तीव्रता नहीं बल्कि उनके बारे में हमारी धारणा बदलती है।
PNAS में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, स्त्री नाम वाले चक्रवात बनाम मर्दाना नाम वाले चक्रवातों के संबंध में अधिक जानकारी जुटाने के लिए अमेरिकी तूफानों से पिछले छह दशकों से अधिक समय की मृत्यु दर का उपयोग किया गया था।
इसमें स्पष्ट हुआ कि स्त्री नाम वाले तूफान मर्दाना नाम वाले तूफानों की तुलना में काफी अधिक मौतों का कारण बनते हैं।
मौते
महिला नाम वाले चक्रवातों से हो सकती हैं तीन गुना अधिक मौतें
अध्ययन में मर्दाना नाम वाले चक्रवातों से औसतन 15.15 प्रतिशत लोगों की मौत होने का अनुमान लगाया गया, जबकि स्त्री नाम वाले चक्रवातों से 41.84 प्रतिशत लोगों की मौत होने का अनुमान लगाया गया।
अध्ययन में उपयोग किए गए मॉडल के जरिए सुझाव दिया कि एक गंभीर चक्रवात का नाम चार्ली से एलोइस में बदलने से मरने वालों की संख्या लगभग तीन गुना तक बढ़ सकती है।
निष्कर्ष
हल्के में लिए जाते हैं महिला नाम वाले चक्रवात
अध्ययन ने पाया कि महिला नाम वाले चक्रवातों के खतरे को अक्सर महिलाओं के नर्म और देखभाल वाले रूप के कारण कम आंका जाता है, जिसके कारण लोग पर्याप्त सावधानी नहीं बरतते हैं और इसके परिणामस्वरूप अधिक विनाश होता है।
अध्ययन के शोधकर्ताओं के एक प्रयोग में प्रतिभागियों ने चक्रवातों के 10 नामों की तुलना की, जिसमें 5 महिला 5 पुरुष नाम वाले चक्रवात शामिल थे। हालांकि, प्रतिभागियों ने पुरुष नाम वाले चक्रवातों को अधिक तीव्र समझा।
शुरूआत
चक्रवातों के नामकरण की शुरूआत
उत्तरी हिंद महासागर में राष्ट्रों ने साल 2000 में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामकरण के लिए एक नई प्रणाली का उपयोग करना शुरू किया।
चक्रवात के नाम देश के अनुसार सूचीबद्ध हैं और तटस्थ जेंडर के अनुसार हैं।
उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामकरण की प्रथा वर्षों पहले चेतावनी संदेशों में तूफानों की पहचान में मदद करने के लिए शुरू हुई थी।
ऐसा माना जाता है कि संख्या और तकनीकी शब्दों की तुलना में नामों को याद रखना कहीं अधिक आसान है।
कारण
क्यों दिए जाते हैं चक्रवातों को नाम?
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने प्रत्येक उष्णकटिबंधीय चक्रवात बेसिन में चक्रवातों के नामकरण के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित किए हैं।
इसकी आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, उष्णकटिबंधीय चक्रवात एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक रह सकते हैं।
WMO की वेबसाइट बताती है कि मौसम के पूर्वानुमानकर्ता भ्रम से बचने के लिए प्रत्येक उष्णकटिबंधीय चक्रवात को एक नाम देना उपयुक्त समझते हैं।
चक्रवातों को नाम देने से उनकी पहचान और ट्रैकिंग में भी सहायता मिलती है।
भारत
भारत में आए चक्रवातों के नाम
बांग्लादेश की ओर से भेजी गई सूची में बिपरजॉय का नाम का मतलब 'आपदा' है। बांग्लादेश की सूची में अन्य नाम अर्नब, रजनी और उर्मी हैं।
इस साल मई में म्यांमार और बांग्लादेश में आए चक्रवात को मोचा कहा गया था, जो यमन द्वारा भेजी गई सूची से आया था। यह कॉफी के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध एक गांव का नाम है।
बिपरजॉय के बाद आने वाले चक्रवात को तेज कहा जाएगा, जो भारतीय सूची का एक नाम है।