इन नियमों को अपनाकर कोई भी रह सकता है 100 साल तक स्वस्थ, आज ही अपनाएँ
योग गुरु बाबा रामदेव के अनुसार, 100 साल तक स्वस्थ जीवन जीने के लिए रोज़ाना कम से कम 20 मिनट तक तीव्र एक्सरसाइज करने की ज़रूरत है। एक्सरसाइज करने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से बलवान बनता है। स्वस्थ और लंबा जीवन वही व्यक्ति जी सकता है, जो शारीरिक और मानसिक रूप से बलवान होता है। ऐसे में आज हम आपको कुछ नियम बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप भी 100 साल तक स्वस्थ रह सकते हैं।
सूर्योदय से पहले उठकर घुटनों के बल बैठकर पिएँ भरपूर पानी
स्वस्थ रहने के लिए सबसे ज़रूरी है सूर्योदय से पहले जगना। सुबह उठाते ही ज़रूरी है कि आप 2-3 गिलास पानी पिएँ। जो लोग मोटापा, कोलेस्ट्रॉल और क़ब्ज़ की समस्या से ग्रसित हैं, उन्हें हल्का गुनगुना पानी पीना चाहिए, जबकि जो लोग इनमें से किसी बीमारी के शिकार न हों, वो सादा पानी पी सकते हैं। वहीं, अगर घुटनों में दर्द नहीं हो तो मलासन की स्थिति में बैठकर पानी पिएँ। ऐसा करना स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभदायक है।
आँवला, एलोवेरा जूस और तुलसी के पत्तों का सेवन
अगर आप पानी के साथ एलोवेरा और आँवले का जूस पीते हैं, तो यह आपके लिए बहुत फ़ायदेमंद होगा। केवल एक महीना सुबह उठकर गुनगुने पानी में एक-एक चम्मच एलोवेरा और आँवला जूस डालकर पीने से वजन तेज़ी से घटता है। इसके अलावा सुबह उठकर 3-4 तुलसी के पत्ते चबाकर खाएँ और एक गिलास पानी पिएँ। इससे आप पूरे दिन तरोताज़ा रहेंगे। तुलसी के एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व कैंसर जैसी बीमारियों को भी दूर रखते हैं।
रोज़ाना 20 मिनट प्राणायाम करें और हल्का नाश्ता
रोज़ाना नियमित 20 मिनट तक प्राणायाम ज़रूर करें। सुबह उठकर की गई 20 मिनट की एक्सरसाइज आपको पूरे दिन चुस्त-दुरुस्त रखती है। एक्सरसाइज करने के बाद नाश्ता करें। कई लोग कहते हैं कि नाश्ता भरपेट करना चाहिए, लेकिन इससे आप सुस्त महसूस करेंगे। नाश्ते में अंकुरित दालें या फलों का सेवन करें, इससे ताक़त के साथ ऊर्जा भी मिलेगी। नाश्ते में रोज़ाना पराँठे खाने से शरीर ख़राब होता है, इसलिए रोज़ाना बदल-बदल कर नाश्ता करें।
दूध वाली चाय से दूरी और बदल-बदलकर तेल खाएँ
बह उठते ही चाय पीने से एसिडीटी और सिने में जलन की शिकायत हो सकती है। अगर आपको चाय पीना ही है, तो दूध वाली चाय की जगह लेमन टी पिएँ। वहीं, रोज़ाना एक ही तेल से बना खाना न खाएँ। कभी सरसों के तेल से खाना बनाएँ, तो कभी तिल के तेल से और कभी जैतून के तेल से खाना बनाएँ। तिल के तेल में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व बूढ़ा और बीमार होने से रोकते हैं।
खाने को अच्छे चबाकर खाएँ
कुछ लोग इतनी जल्दी में होते हैं कि खाने को चबाने की बजाय निगल जाते हैं, जबकि खाना अच्छे से चबा-चबा कर खाना चाहिए। इससे खाना पचता है। खाना खाने के कुछ समय बाद ही पानी पिएँ। रोज़ाना एक ही तरह के अनाज का सेवन न करें। कभी मकई या फिर बाजरे के आटे का इस्तेमाल करें। बदल-बदल कर अनाज खाने से शरीर को कई पौष्टिक तत्व मिलते हैं और आपको अलग से विटामिन लेने की ज़रूर नहीं पड़ती है।
दूध-दही खाने का सही समय
सुबह उठकर दही खाएँ और दोपहर में छाछ पिएँ, जबकि रात में सोने से आधा घंटा पहले दूध ज़रूर पिएँ। दूध या छाछ का इस्तेमाल कभी भी सूर्यास्त के बाद न करें। ऐसा करने से पित्त पर बुरा असर पड़ता है।